यदि किसी धातु के टुकड़े को चुम्बक माना जाये तो सही कथन है
यह ज्ञात चुम्बक को आकर्षित करेगा
यह ज्ञात चुम्बक को प्रतिकर्षित करेगा
उपरोक्त में से कोई नहीं
यह स्टील के पेचकस को आकर्षित करेगा
चुम्बकीय प्रेरण है
एकसमान चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाले दो छोटे-छोटे दण्ड चुम्बक (चित्रानुसार) परस्पर लम्बवत् स्थित हैं। दोनों चुम्बकों के समकोण-अर्धक पर $d$ दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी
$50 \,gm $ भार एवं $10 \,cm $ लम्बाई की दो एकसमान छड़ चुम्बकें चित्रानुसार एक काँच नलिका में ऊध्र्वाधर स्थित हैं। इनके समान ध्रुव चित्रानुसार आमने-सामने है। ऊपर वाली चुम्बक नीचे वाली चुम्बक से वायु में इस प्रकार सन्तुलित रहती है कि इनके पास वाले ध्रुवों के बीच की दूरी $ 3\,mm$ है। प्रत्येक चुम्बक की ध्रुव सामथ्र्य ......$ amp × m$ होगी
चुम्बक को पूरी तरह विचुम्बकित किया जा सकता है
दो चुम्बकीय द्विध्रुवों $X$ तथा $Y$ को चित्रानुसार $d$ दूरी पर, उनके अक्षों को परस्पर लम्बवत् करके, रखा है। $Y$ का द्विध्रुव आघूर्ण $X$ का दो गुना है। $q$ आवेश का एक कण इन दोनों के ठीक मध्य बिंदु $P$ से क्षैतिज रेखा से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर, चित्रानुसार, गुजरता है। इस क्षण पर कण पर एक लगे बल का परिमाण क्या होगा ?
(दिया है : $d$ द्विध्रुव के आकार (dimensions) से अत्यधिक बड़ा है)