छड़ चुम्बक के कारण दो बल रेखाऐं
उदासीन बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं
चुम्बक के ध्रुवों के पास प्रतिच्छेद करती हैं
चुम्बक की निरक्षीय रेखा पर प्रतिच्छेद करती हैं
कभी भी प्रतिच्छेद नहीं करती
दो समरूप लघु छड़ चुम्बक प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, क्षैतिज तल में एक दूसरे से $2d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके अक्ष एक दूसरे के लम्बवत् है। तो दोनों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा
एक छड़ चुम्बक के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ
चुम्बकीय प्रेरण है
यदि किसी छड़ चुम्बक का उत्तरी ध्रुव दक्षिण की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर इंगित करें, तो उदासीन बिन्दु होंगे
एक छोटा चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $ 6.75\, Am^2$ है। इसके अक्ष पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का क्षैतिज घटक $5 \times {10^{ - 5}}\,Wb/{m^2}$ है तो उदासीन बिन्दु की दूरी.....$cm$ होगी