छड़ चुम्बक के कारण दो बल रेखाऐं

  • A

    उदासीन बिन्दु पर प्रतिच्छेद करती हैं  

  • B

    चुम्बक के ध्रुवों के पास प्रतिच्छेद करती हैं

  • C

    चुम्बक की निरक्षीय रेखा पर प्रतिच्छेद करती हैं

  • D

    कभी भी प्रतिच्छेद नहीं करती

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एक दण्ड चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में रखा जाता है। यदि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर हो तो शून्य तीव्रता वाले बिन्दुओं की दिशा चुम्बक के केन्द्र से किस ओर होगी

$(a)$ चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ ( हर बिंदु पर) वह दिशा बताती हैं जिसमें ( उस बिंदु पर रखी) चुंबकीय सुई संकेत करती है। क्या चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ प्रत्येक बिंदु पर गतिमान आवेशित कण पर आरोपित बल रेखाएँ भी हैं?

$(b)$ एक टोरॉइड में तो चुंबकीय क्षेत्र पूर्णत: क्रोड के अंदर सीमित रहता है, पर परिनालिका में ऐसा नहीं होता। क्यों?

$(c)$ यदि चुंबकीय एकल ध्रुवों का अस्तित्व होता तो चुंबकत्व संबंधी गाउस का नियम क्या रूप ग्रहण करता?

$(d)$ क्या कोई छड़ चुंबक अपने क्षेत्र की वजह से अपने ऊपर बल आधूर्ण आरोपित करती है? क्या किसी धारावाही तार का एक अवयव उसी तार के दूसरे अवयव पर बल आरोपित करता है।

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अक्षीय स्थिति में लम्बाई $d$ के दो तनु चुम्बकीय द्विध्रुवों के मध्य बिन्दुओं को $x$ दूरी पर रखा गया है $(x > > d )$ दोनों के बीच बल $x^{- n }$ के समानुपाती है, जहाँ $n$ है :

  • [JEE MAIN 2014]

चुम्बकीय आघूर्ण $M$ वाली तीन एकसमान चुम्बकों को चित्र में दिखाये अनुसार एक समबाहु त्रिभुज के रूप में जोड़ा गया है। निकाय का कुल चुम्बकीय आघूर्ण होगा

चुम्बकीय क्षेत्र $B$ की बल रेखाओं से सम्बन्धित असत्य कथन है