यदि रेडियोसक्रिय नमूने का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाये तब नमूने की सक्रियता एवं इसका विघटन स्थिरांक क्रमश:
बढ़ता है, नियत रहता है
घटता है, बढ़ता है
घटता है, नियत रहता है
बढ़ता है, घटता है
दो रेडियोधर्मीं तत्व $A$ तथा $B$ की अर्द्धआयु क्रमशः $20 \, min$ तथा $40\, min$ हैं। प्रारंभ में दोनों के नमूनों में नाभिकों की संख्या बराबर है। $80 \,min$ के उपरांत $A$ तथा $B$ के क्षय हुए नाभिकों की संख्या का अनुपात होंगा:
कोई रेडियोएक्टिव पदार्थ क्षयित होकर $80$ दिन में अपनी प्रारम्भिक एक्टिवता का $\left(\frac{1}{16}\right)$ वाँ भाग रह जाता है। दिनों में व्यक्त किए जाने पर इस रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्धायु है।
रेडियोसक्रियता की इकाई रदरफोर्ड होती है। इसका मान है
मूल रेडियो-एक्टिव का पाँच अर्द्ध-आयु के पश्चात् कितना........$\%$ प्रतिशत शेष बचता है
एक रेडियोधर्मी अभिक्रिया $_{92}{U^{238}}{ \to _{82}}P{b^{206}}$ में उत्सर्जित $\alpha $ और $\beta $ कणों की संख्या है