किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के कुछ नाभिकों का रेडियोएक्टिव क्षय हो रहा है। उन क्षणों के बीच का समय अन्तराल, जिनमें $1 / 4$ (चौथाई) नाभिकों का क्षय हो गया है और $1 / 2$ (आध) नाभिकों का क्षय हो गया है, होगा। (यहाँ $\lambda$ क्षयांक है।)
$\frac{2 \ln 2}{\lambda}$
$\frac{1}{2} \frac{\ln 2}{\lambda}$
$\frac{\ln \frac{3}{2}}{\lambda}$
$\frac{\ln 2}{\lambda}$
एक रेडियोसक्रिय पदार्थ का $f$ भाग $(fraction)$ जो समय के साथ क्षय करता है, का परिवर्तन समय $t$ के सापेक्ष चित्र में दिखाया गया है। कौनसा वक्र $(Curve)$ सही परिवर्तन व्यक्त करता है
एक रेडियोसक्रिय नाभिक (प्रारंभिक द्रव्यमान संख्या $A$ तथा परमाणु क्रमांक $Z)$ $3 \alpha -$कण और $2$ पॉजिट्रॉन उत्सर्जित करता है। परिणामी नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या का प्रोट्रॉनों की संख्या से अनुपात होगा
एक रेडियोएक्टिव तत्व प्रति सैकण्ड $200$ कण उत्सर्जित करता है। तीन घण्टे के पश्चात् वह $ 25$ कण उत्सर्जित करता है, तो तत्व का अर्द्ध-आयुकाल .........मिनट होगा
एक रेडियोधर्मी क्षय प्रक्रम में सक्रियता (activity) $A=-\frac{d N}{d t}$ द्वारा परिभाषित की जाती है, जहाँ $N(t), t$ क्षण पर रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या है। क्षण $t=0$ पर दो रेडियोधर्मी स्रोतों $S_1$ तथा $S_2$ की सक्रियता एकसमान है। कुछ समय बाद, $S_1$ तथा $S_2$ की सक्रियतायें क्रमशः $A_1$ तथा $A_2$ हो जाती हैं। जैसे ही $S_1$ तथा $S_2$ क्रमशः अपनी तीसरी ($3$ $\left.3^{\text {rd }}\right)$ तथा सातवीं ( $\left.7^{\text {th }}\right)$ अर्द्ध आयु (half-life) पूरी करते हैं, तब $A_1 / A_2$ का मान. . . . . .है।
एक रेडियोधर्मी पदार्थ की रेडियोधर्मिता $30$ सैकण्ड में उसके प्रारम्भिक मान की $1/64$ हो जाती है, तो उसकी अर्द्ध-आयु ..........सैकण्ड होगी