यदि $2 \;m$ लम्बे सरल लोलक का आवर्तकाल $2 \;s$ है तो उस स्थान पर, जहाँ यह सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है, गुरूत्वीय त्वरण का मान होगा।
$\pi^{2}\, ms ^{-2}$
$9.8\, ms ^{-2}$
$2 \pi^{2}\, ms ^{-2}$
$16\, m / s ^{2}$
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
एक सरल लोलक का दोलनकाल $T$ यदि इसके गोलक को ऋणावेश दिया जाये एवं इसके नीचे की सतह को धनावेश दिया जाये तो इसका नया दोलनकाल
“एक सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है” इसको प्रदर्शित करने के लिए यह मानना आवश्यक है। कि
एक सरल लोलक को ऐसे स्थान पर ले जाया जाता है जहाँ $g$ का मान $2\%$ घट जाता है। इस स्थान पर सरल लोलक का आवर्तकाल
दो सरल लोलकों, को जिनकी लम्बाईयाँ $100\, cm$ तथा $121\, cm$ है अलग-अलग लटकाया जाता है। इसके बाद उनके गोलकों को खींचकर छोड़ दिया जाता है। लम्बे लोलक के कितने न्यूनतम दोलनों के पश्चात् दोनों लोलक पुन: समान कला में होंगे