“एक सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है” इसको प्रदर्शित करने के लिए यह मानना आवश्यक है। कि
लोलक की लम्बाई कम है
लोलक का द्रव्यमान कम है
दोलन का आयाम कम है
गुरुत्वीय त्वरण कम है
एक सरल लोलक, जिसमें $l$ लम्बाई की एक अवितान्य (inextensible) धागे से $m$ द्रव्यमान का एक छोटा एवं भारी गोलक को बांधा गया है, स्थिर अवस्था में है |इस गोलक पर एक (क्षैतिज दिशा में) आवेगीय (impulse) बल लगाया जाता है, जिससे गोलक को $\sqrt{4 g l}$ चाल प्राप्त होती है। अपने अधिकतम ऊंचाई पर गोलक की चाल क्या होगी ? $( g$ गुरुत्वीय त्वरण है )
दो सरल लोलकों की आवृत्तियों का अनुपात $2 : 3$ है, तो इनकी लम्बाईयों का अनुपात होगा
$1.44 \,m$ एवं $1 \,m$ लम्बाईयों वाले दो सरल लोलक एक साथ दोलन प्रारम्भ करते हैं। कितने दोलनों बाद वे पुन: एक साथ दोलन करने लगेंगे
यदि एक सरल लोलक को पृथ्वी की सतह से किसी गहरी खदान में ले जाये तो इसका दोलनकाल
लकड़ी के किसी बेलनाकार गुटके (ब्लॉक) की लम्बाई $54 \; cm$, तथा घनत्व $650 \; kg m ^{-3}$ है। इसके आधार का क्षेत्रफल $30 \; cm ^{2}$ है, और यह $900 \; kg m$ घनत्व वाले द्रव में तैर रहा है (प्लवमान है)। इस ब्लॉक को थोड़ा सा नीचे की ओर दबाकर छोड़ दिया जाता है। परिणाम स्वरूप उत्पत्र इसके दोलनों का आवर्तकाल, किस लम्बाई (लगभग) के सरल लोलक के आवर्तकाल के बराबर होगा ?