एक सरल लोलक का दोलनकाल $T$ यदि इसके गोलक को ऋणावेश दिया जाये एवं इसके नीचे की सतह को धनावेश दिया जाये तो इसका नया दोलनकाल

  • A

    $T$ से कम होगा

  • B

    $T$ से अधिक होगा

  • C

    $T$ के तुल्य होगा

  • D

    अनन्त होगा

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नीचे दो कथन दिए गए है।

कथन $I$ : एक सेकण्ड लोलक का आवर्तकाल $1 \;s$ है।

कथन $II$ : यह लोलक परिशुद्ध रूप से अपनी दो चरम

स्थितियों के बीच गमन करने में $1$ सेकण्ड लेता है।

उपरोक्त कथनों के संदर्भ में नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर चुनिए।

  • [JEE MAIN 2021]

एक सरल लोलक को विषुवत रेखा पर ले जाने पर इसका दोलनकाल

एक सरल लोलक को एक ऐसे स्थान पर रखा गया है कि इसकी पृथ्वी तल से दूरी पृथ्वी की त्रिज्या के समान है। यदि डोरी की लम्बाई $4$ मी. हो, तो सूक्ष्म दोलन का आवर्त काल से होगा। [दिया है, $\mathrm{g}=\pi^2 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]

  • [JEE MAIN 2024]

एक लोलक को $250\,cm$ लम्बी रस्सी से लटकाया जाता है। लोलक के गोलक का द्रव्यमान $200\,g$ है। लोलक को रस्सी के ऊर्ध्वाधर से $60^{\circ}$ पर होने तक खींचा जाता है। गोलक को छोड़ने के पश्चात् गोलक द्वारा प्राप्त अधिकतम वेग होगा।: $\left( g =10\,m / s ^2\right)$

  • [JEE MAIN 2022]

एक पेन्डुलम घड़ी $40^{\circ} C$ वापमान पर $12\, s$ प्रतिदिन धीमी हो जाती है तथा $20^{\circ} C$ तापमान पर $4 \,s$ प्रतिदिन तेज़ हो जाती है। तापमान जिस पर यह सही समय दर्शायेगी तथा पेन्डुलम की धातु का रेखीय-प्रसार गुणांक $(\alpha)$ क्रमशः हैं:

  • [JEE MAIN 2016]