यदि $V$ वोल्ट के स्रोत से $n$ संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़े हैं, तब इस निकाय में संचित ऊर्जा है
$CV$
$\frac{1}{2}nC{V^2}$
$C{V^2}$
$\frac{1}{{2n}}C{V^2}$
$5 \, \mu F$ की धारिता वाले एक संधारित्र को $5 \, \mu C$ तक चार्ज किया जाता है। यदि थारिता को $2\, \mu F$ तक कम करने के लिए प्लेटों को अलग-अलग खींचा जाता है, तो किया गया कार्य होगा।
धारिता $10\,\mu F$ के $100$ संधारित्र को समान्तर क्रम में जोड़ कर $100\,kV$ विभवान्तर से आवेशित किया जाता है। अगर विद्युत ऊर्जा का मूल्य $108$ पैसे प्रति $kWh$ है तो संधारित्रों में संचित ऊर्जा का मान और आवेशित करने में कुल खर्च हुए पैसे होंगे
$0.3\,\mu F$ और $0.6\,\mu F$ धारिता के दो संधारित्र श्रेणीक्रम में जुड़े हुये हैं। यदि संयोजन को $6\,volts$ के स्रोत से जोड़ दिया जाये, तो प्रत्येक संधारित्र पर संग्रहित ऊर्जा का अनुपात होगा
एक $5\, \mu F$ संधारित्र को $220\, \,V$ विघुत आपूर्ति कर पूर्णत: आवेशित किया जाता है और पूणः आपूर्ति बंद कर इसे $2.5\, \mu F$ के संधारित्र के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाता है। यदि आवेश के पूणर्वितरण के दौरान ऊर्जा परिवर्तन $\frac{ X }{100} J$ है तो $X$ का मान निकटतम पूर्णाक में है
${R_1}$ एवं ${R_2}$ त्रिज्या के दो गोले, जिन पर आवेश क्रमश: ${Q_1}$ और ${Q_2}$ है, परस्पर संबंधित किये गये हैं, तब निकाय की ऊर्जा में