प्रत्येक आवेशित संधारित्र में ऊर्जा रहती है
धन आवेश पर
धन आवेश एवं ऋण आवेश दोनों पर
पट्टिकाओं के मध्य क्षेत्र में
संधारित्र की प्लेटों के सिरों पर
एक संधारित्र पर आवेश $Q$ विभव $V$ के साथ परिवर्तित होता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, जहाँ $Q$, $X$-अक्ष के अनुदिश एवं $V$, $Y$-अक्ष के अनुदिश है। त्रिभुज $OAB$ प्रदर्शित करता है
$6\,\mu F$ के संधारित्र को $10$ वोल्ट से $20$ वोल्ट के लिये आवेशित किया गया है, तो ऊर्जा वृद्धि होगी
दिये गये परिपथ में एक संधारित्र में संचित आवेश $\ldots \mathrm{C}$ है।
एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों के बीच ${10^5}\,V/m$ का विद्युत क्षेत्र है। यदि संधारित्र की प्लेट पर आवेश $1\,\mu \,C$ है तो संधारित्र की प्रत्येक प्लेट पर बल .......$N$ है
एक $2\,\mu F$ माइक्रो फैरड का संधारित्र $100$ वोल्ट तक आवेशित किया जाता है, फिर उसकी पट्टियों को एक चालक तार से आपस में जोड़ दिया जाता है। उत्पन्न हुई ऊष्मा .......जूल होगी