$1911$ में भौतिक वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने धनात्मक आवेश वाले कणों को सोने की पतली पन्नी पर बौछार कर के यह खोजा कि परमाणु में एक सूक्ष्म, सघन नाभिक होता है। सोने का वह गुण, जिसने रदरफोर्ड को इस प्रयोग में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, है
विद्युत चालकता
उच्च आघातवर्धनीयता
चमकदार होना
अक्रियाशीलता
यदि परमाणु $_{100}F{m^{257}}$ बोहर मॉडल का पालन करें तथा $_{100}F{m^{257}}$ की त्रिज्या बोहर त्रिज्या की $n$ गुनी हो तो $n$ का मान है
$3d-$इलेक्ट्रॉन के लिए सम्भव क्वांटम संख्या है
सूची$-I$ ( किया गया प्रयोग) को सूची$-II$ ( सिद्धान्त खोजा गया है/सम्बद्धित हैं) से सुमेलित कीजिऐ और सूचियों के नीचे दिये गये विकल्पों से सही विकल्प चुनिऐ :
सूची $- I$ | सूची $- II$ |
$(a)$ डेवीसन और जर्मर प्रयोग | $(i)$ इलेक्ट्रानों का तरंग प्रकार |
$(b)$ मिलिकान का द्रव के गिरने का प्रयोग | $(ii)$ इलेक्ट्रान का आवेश |
$(c)$ रदरफोर्ड प्रयोग | $(iii)$ ऊर्जा स्तर का क्वाण्टीकरण |
$(d)$ फ्रैंक - हर्टज प्रयोग | $(iv)$ नाभिक का अस्तित्व |
प्रत्येक कथन के अंत में दिए गए संकेतों में से सही विकल्प का चयन कीजिए :
$(a)$ टॉमसन मॉडल में परमाणु का साइज़, रदरफोर्ड मॉडल में परमाणवीय साइज़ से $\ldots \ldots \ldots$ होता है। (अपेक्षाकृत काफी अधिक, भिन्न नहीं, अपेक्षाकृत काफी कम)
$(b)$ $\ldots \ldots \ldots$ में निम्नतम अवस्था में इलेक्ट्रॉन स्थायी साम्य में होते हैं जबकि $\ldots \ldots$ में इलेक्ट्रॉन, सदैव नेट बल अनुभव करते हैं।
$(c)$ $\ldots \ldots \ldots$ पर आधारित किसी क्लासिकी परमाणु का नष्ट होना निश्चित है। ( टॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल)
$(d)$ किसी परमाणु के द्रव्यमान का $\ldots \ldots \ldots \ldots$ में लगभग संतत वितरण होता है लेकिन $\ldots \ldots \ldots$ में अत्यंत असमान द्रव्यमान वितरण होता है। ( टॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल)
$(e)$ $\ldots \ldots \ldots$ में परमाणु के धनावेशित भाग का द्रव्यमान सर्वाधिक होता है। (रदरफोर्ड मॉडल, दोनों मॉडलों )
परमाणुओं की संरचना को निकालने के लिये रदफफोर्ड प्रकीर्णन प्रयोग में इस्तेमाल किये गये कणों की