एक रेडियोधर्मी क्षय प्रक्रम में सक्रियता (activity) $A=-\frac{d N}{d t}$ द्वारा परिभाषित की जाती है, जहाँ $N(t), t$ क्षण पर रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या है। क्षण $t=0$ पर दो रेडियोधर्मी स्रोतों $S_1$ तथा $S_2$ की सक्रियता एकसमान है। कुछ समय बाद, $S_1$ तथा $S_2$ की सक्रियतायें क्रमशः $A_1$ तथा $A_2$ हो जाती हैं। जैसे ही $S_1$ तथा $S_2$ क्रमशः अपनी तीसरी ($3$ $\left.3^{\text {rd }}\right)$ तथा सातवीं ( $\left.7^{\text {th }}\right)$ अर्द्ध आयु (half-life) पूरी करते हैं, तब $A_1 / A_2$ का मान. . . . . .है।

  • [IIT 2023]
  • A

    $10$

  • B

    $12$

  • C

    $15$

  • D

    $16$

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किसी रेडियोएक्टिव पदार्थ के कुछ नाभिकों का रेडियोएक्टिव क्षय हो रहा है। उन क्षणों के बीच का समय अन्तराल, जिनमें $1 / 4$ (चौथाई) नाभिकों का क्षय हो गया है और $1 / 2$ (आध) नाभिकों का क्षय हो गया है, होगा। (यहाँ $\lambda$ क्षयांक है।)

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एक रेडियोसक्रिय पदार्थ का $f$ भाग $(fraction)$ जो समय के साथ क्षय करता है, का परिवर्तन समय $t$ के सापेक्ष चित्र में दिखाया गया है। कौनसा वक्र $(Curve)$ सही परिवर्तन व्यक्त करता है

$^{66}Cu$ के शुद्ध प्रतिदर्श से प्रारम्भ करने पर $15$ मिनट में इसके अपने मूल का $\frac{7}{8}$ भाग  $Zn$ में क्षयित हो जाता है तदनुरूपी अर्धायु .......... मिनट है

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यदि किसी रेडियोएक्टिव परमाणु की अर्द्ध-आयु $2.3$ दिन है तो इसका क्षय नियतांक होगा

दिये गये एक क्षण, $t =0$ पर दो रेडियोधर्मी पदार्थों $A$ तथा $B$, की सक्रियता बराबर है। समय $t$ के पश्चत्, इनकी सक्रियता का अनुपात $\frac{ R _{ B }}{ R _{ A }}$ समय $t$ के साथ $e ^{-3 t }$ के अनुसार घटता है। यदि $A$ की अर्धआयु $\ln 2$ है, तो $B$ की अर्धआयु होगी।

  • [JEE MAIN 2019]