किसी रूद्धोष्म प्रक्रिया में एक द्विपरमाणुक गैस का घनत्व पहले का $32$ गुना हो जाता है। प्रक्रिया के अंत में गैस का दबाव उसके शुरू के दबाव से $n$ गुना पाया जाता है। $n$ का मान होगा।
$326$
$\frac{1}{32}$
$32$
$128$
एक रूद्धोष्म प्रक्रम के दौरान, किसी द्विपरमाणवीय गैस $\left(\gamma=\frac{7}{5}\right)$ का दाब $P _1$ एवं घनत्व $d _1$ से बदलकर अचानक क्रमशः $P _2\left( > P _1\right)$ एवं $d _2$ हो जाता है। गैस का तापमान बढ़ेगा, और अपने प्रारम्भिक तापमान का गुना हो $.........$ जाएगा। (दिया है, $\left.\frac{ d _2}{ d _1}=32\right)$
एक एकपरमाणुक आदर्श गैस एक क्षैतिज बत्रन (horizontal cylinder) में स्प्रिंग युक्त पिस्टन द्वारा बंद है (दर्शाये चित्रानुसार)। प्रारम्भ में गैस का तापमान $T_1$, दाव $P_1$ तथा आयतन $V_1$ है तथा स्प्रिंग विश्रांत अवस्था में है। अव गेस को बहुत धीरे-धीरे तापमान $T_2$ तक गर्म करने पर दाव $P_2$ तथा आयतन $V_2$ हो जाता है। इस प्रक्रिया में पिस्टन $x$ दूरी तय करता है। पिस्टन एवं वर्तन के मध्य घर्पण को नगण्य मानते हुए, सही कथन है(है)
$(A)$ यदि $V _2=2 V _1$ तथा $T _2=3 T _1$ है, तब स्प्रिंग में संचित ऊर्जा $\frac{1}{4} P _1 V _1$ है ।
$(B)$ यदि $V_2=2 V_1$ तथा $T_2=3 T_1$ है, तव आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन $3 P_1 V_1$ है ।
$(C)$ यदि $V _2=3 V _1$ तथा $T _2=4 T _1$ है, तब गैस द्वारा किया गया कार्य $\frac{7}{3} P _1 V _1$ है।
$(D)$ यदि $V _2=3 V _1$ तथा $T _2=4 T _1$ है, तब गैस को दी गयी ऊप्मा $\frac{17}{6} P _1 V _1$ है ।
समान प्रारम्भिक अवस्था से एक आदर्श गैस तीन अलग-अलग प्रक्रमो द्वारा $V _1$ से $V _2$ आयतन तक प्रसारित होती है। यदि प्रक्रम समतापी है, तो गैस द्वारा किया गया कार्य $W _1$ है तथा यदि प्रक्रम रुद्धोप्म है तो कार्य $W _2$ और यदि समदाबी है तो किया गया कार्य $W _3$ है तो सही कथन चुनिये।
नीचे दर्शाये गये चित्र में, एक कुचालक बेलनाकार पात्र का आयतन ${V_0}$ है। इसे एक चिकने पिस्टन (क्षेत्रफल = $A$ ) द्वारा दो समान भागों में बाँटा गया है। एक आदर्श गैस $({C_P}/{C_V} = \gamma )$ दाब, $P_1$ एवं ताप $T_1$ पर पात्र के बाँये भाग में भरी गयी है। एवं दाँये भाग में भी यही गैस दाब $ P_2$ एवं ताप $T_2$ पर भरी गयी है। पिस्टन धीरे से विस्थापित होता है, एवं साम्यावस्था में स्थिर हो जाता है। दोनों भागों का अंतिम दाब होगा (मान लीजिए $x$ = पिस्टन का विस्थापन है)
एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश: ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है