मेल्डी के प्रयोग में अनुप्रस्थ विधा में स्वरित्र की आवृत्ति और डोरी में उत्पन्न तरंग की आवृत्ति का अनुपात होगा
$1:1$
$1:2$
$2:1$
$4:1$
क्योंकि दोनों स्वरित्र एवं डोरी अनुनाद की स्थिति में है।
यदि तार को दोनों सिरों पर जकड़ा जाता है। तार चौथी सन्नादी में ढोलन करता है। स्थिर तरंग का समीकरण है $Y =0.3 \, \sin (0.157 x ) \, \cos (200 \pi t )$ तार की लम्बाई …..$m$ होगी।
$10$ मीटर लम्बी डोरी में अप्रगामी तरंगों का निर्माण होता है तथा डोरी $5$ लूपों में कम्पन करती हैं। यदि तरंग वेग $20$ मी/सैकण्ड हो तो आवृत्ति …. हर्ट्ज $(Hz)$ होगी
एक सोनोमीटर के तार $AB$ की लम्बाई $110$ सेमी है। दोनों सेतुओं को $A$ से कितनी दूरी पर रखा जाये ताकि इस प्रकार विभाजित तार के तीन खण्डों की मूल आवृत्तियाँ $1 : 2 : 3$ के अनुपात में हो
किसी संगीत वाद्य की डोरी की लम्बाई $90\, cm$ तथा उसकी मूल आवृत्ति $120\, Hz$ है । इसे ………… $cm$ पर दबाया जाना चाहिए ताकि $180\, Hz$ मूल आवृत्ति उत्पन्न हो?
सितार से श्रोता तक आने में ध्वनि का प्रकार होता है
Confusing about what to choose? Our team will schedule a demo shortly.