दण्ड चुम्बक के लिए चुम्बकीय प्रेरण की बल रेखाएँ
उत्तरी ध्रुव से निकलती हेैं तथा दक्षिणी ध्रुव पर समाप्त होती हैं
दण्ड चुम्बक के भीतर और बाहर सतत रहती हैं
उसके केन्द्र से वृत्तीय पथ पर निकलती हैं
उत्तरी ध्रुव से केवल उत्सर्जित होती हैं, जैसे प्रकाश बल्ब से प्रकाश किरणें
$5 \,cm$ लंबाई के छड़ चुंबक के केंद्र से $50 \,cm$ की दूरी पर स्थित बिंदु पर, विषुवतीय एवं अक्षीय स्थितियों के लिए चुंबकीय क्षेत्र का परिकलन कीजिए। छड चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण $0.40 \,A m ^{2}$ है।
एक लम्बी चुम्बकीय सुई जिसकी लम्बाई $2\,L$ चुम्बकीय आघूर्ण $M$ एवं ध्रुव प्राबल्य $m$ इकाई है, मध्य में से दो भागों में टूट जाती है । प्रत्येक टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण एवं ध्रुव प्राबल्य है
अक्षीय और निरक्षीय स्थिति में एक ही स्थान पर दो छोटे चुम्बकों के कारण समान दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात होता है
एक धारावाही लूप चुम्बकीय क्षेत्र में व्यवहार करता है
एक चुम्बकीय सुई को एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है। यह अनुभव करती है