$1$ सेमी लंबाई के दो छोटे दंड चुम्बक जिनके चुंबकीय आघूर्ण क्रमशः $1.20\, Am ^{2}$ तथा $1.00\, Am ^{2}$ हैं, की एक क्षैतिज टेबल पर एक-दूसरे के समानांतर इस प्रकार रखा जाता है कि उनके उत्तरी ध्रुव दक्षिण दिशा की ओर हो तथा इनके मध्य दूरी $20$ सेमी है, तथा इनकी चुंबकीय विषुवत् रेखा उभयनिष्ठ हैं। इनके केन्द्रो को मिलाने वाली रेखा के मध्यबिन्दु $O$ पर परिणामी क्षैतिज चुंबकीय प्रेरण का मान होगा, (पृथ्वी के चुंबकीय प्रेरण का क्षैतिज घटक $3.6 \times 10^{-5}$ वेबर/मी $^{2}$ हैं।)
$3.6 \times 10^{-5} $ $Wbm^{-2}$
$2.56 \times 10^{-4}$ $ Wbm^{-2}$
$3.50 \times 10^{-4} $ $Wbm^{-2}$
$5.80 \times 10^{-4}$ $Wbm^{-2}$
दण्ड चुम्बक की चुम्बकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काटतीं क्योंकि
एक चुम्बकीय सुई को एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है। यह अनुभव करती है
एक लघु चुम्बक के अक्ष पर $x$ दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $9$ गॉस है। इसकी निरक्ष पर $\frac{x}{2}$ दूरी पर तीव्रता .....गॉस होगी
$10\, A-m^2$ के चुम्बकीय आघूर्ण की दो छोटी चुम्बकों को अक्षीय स्थिति में, उनके केन्द्रों से $0.1\,m $ दूरी पर रखा गया है। उनके बीच कार्यरत बल .....$N$ होगा
$2\, cm $ लम्बे छड़ चुम्बक के अक्ष के अनुदिश चुम्बक के दोनों ओर ध्रुवों से $x $ और $2x $ दूरी पर बिन्दु $A $ और $B$ स्थित हैं। इन बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात है