नीचे दिये गये चित्र में, दो कुचालक प्लेटें चित्रानुसार जुड़ी हैं। इनके ऊष्मीय प्रतिरोध $R$ एवं $3R$ हैं। उभयनिष्ठ ताप $\theta$ ...... $^oC$ है
$20$
$60$
$75$
$80$
किसी धातु का ऊष्मा चालकता गुणांक निर्भर होता है
एक पतले तार $PQ$ के छोर $Q$ को अन्य पतले तार $RS$ के छोर $R$ पर टांका लगाकर (soldered) जोड़ा गया है। $10^{\circ} C$ पर दोनों तारों की लम्बाई $1 m$ है। अब इस निकाय के छोर $P$ तथा छोर $S$ को क्रमशः $10^{\circ} C$ तथा $400^{\circ} C$ पर स्थिर रखा जाता हैं। यह निकाय चारों ओर से ऊष्मारोधी है। यदि तार $PQ$ की ऊष्म चालक्ता तार $RS$ की ऊष्म चालक्ता से दुगुनी है तथा तार $PQ$ का रेखीय अष्मित वृद्धि गुणांक (coefficient of linear thermal expansion) $1.2 \times 10^{-5} K ^{-1}$ है, तब तार $PQ$ की लम्बाई में परिवर्तन का मान है
ताँबे, पीतल एवं स्टील की तीन छड़ों को $Y-$आकार संरचना में वंल्ड किया गया हैं। प्रत्येक छड़ की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $4\, cm ^{2}$ है। ताँबे की छड़ के सिरे का तापमान $100^{\circ} C$ हैं जबकि पीतल एवं स्टील के सिरे $0^{\circ} C$ तापमान पर रखे गये हैं। ताँबे, पोतल एवं स्टील की छड़ों की लम्बाईयाँ क्रमश: $46, 13$ एवं $12\, cm$ हैं। छड़ों को, उनके सिरों को छोड़कर, वातावरण से ऊष्मीय रोधी किया गया है। ताँबे, पीतल एवं स्टील की ऊष्मा चालकताएँ क्रमश: $0.92,0.26$ एवं $0.12\, CGS$ इकाई हैं। ताँबे को छड़ से प्रवाहित ऊष्मा की दर ....... $cal\, s^{-1}$ है।
निम्नचित्र में$r_1$ तथा $r_2$ त्रिज्याओं के दो संकेन्द्री गोलों का एक निकाय दर्शाया गया है जिन्हें क्रमश: $T_1$ तथा $T_2$ तापों पर रखा गया है। दोनों संकेन्द्री गोलों के बीच के पदार्थ में ऊष्मा के त्रिज्यीय प्रवाह की दर समानुपाती है
ठंडी सुबह में, धातु की सतह लकड़ी की तुलना में अधिक ठंडी महसूस होती है क्योकि