किसी क्षेत्र में मूल बिन्दु के चारों ओर विद्युत क्षेत्र एक समान है एवं $x$ - अक्ष के अनुदिश कार्यरत् है। मूल बिन्दु को केन्द्र मान कर एक छोटा सा वृत्त खींचा जाता है जो कि अक्षों को बिन्दुओं $A, B, C$ तथा $D$ पर काटता है। यदि इन बिन्दुओं के निर्देशांक क्रमश: $(a, 0), (0, a), (-a, 0), (0, -a)$ हैं तब किसी बिन्दु पर विभव न्यूनतम होगा

115-753

  • A

    $A$

  • B

    $B$

  • C

    $C$

  • D

    $D$

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धातुओं से बने हुए दो गोले $S _{1}$ और $S _{2}$ जिनकी त्रिज्याएँ क्रमशः $R _{1}$ और $R _{2}$ है आवेशित है। यदि इसकी सतह पर विधुत क्षेत्र $E _{1}\left( S _{1}\right.$ पर $)$ तथा $E _{2}\left( S _{2}\right.$ पर $)$ ऐसे हैं कि $E _{1} / E _{2}= R _{1} / R _{2}$ तो इन पर स्थिर वैधुत वोल्टता $V _{1}\left( S _{1}\right.$ पर $)$ तथा $V _{2}\left( S _{2}\right.$ पर $)$ का अनुपात $V _{1} / V _{2}$ होगा :

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एक गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या $2$ मीटर है, को $120\, V$ तक आवेशित किया गया। इसे अब $6$ मीटर त्रिज्या वाले अन्य खोखले गोलीय चालक के अन्दर रख दिया गया है। बड़े गोले का विभव ......$V$ होगा

$X-Y$ निर्देशांक निकाय के मूल बिन्दु $(0,0)$ मी. पर $10^{-6} \mu \mathrm{C}$ का एक आवेश स्थित है। दो बिन्दु $\mathrm{P}$ और $Q$ क्रमशः $(\sqrt{3}, \sqrt{3})$ मी तथा $(\sqrt{6}, 0)$ मी पर स्थित है। बिन्दु $\mathrm{P}$ व $\mathrm{Q}$ के बीच विभान्तर होगा:

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यदि एक समबाहु त्रिभुज के तीनों शीर्ष पर $2q,\, - q,\, - q$ आवेश क्रमश: स्थित हैं, तो त्रिभुज के केन्द्र पर

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