एकसमान वृत्तीय गति में
वेग एवं त्वरण दोनों अचर होते हैं
त्वरण एवं चाल अचर होते हैं किन्तु वेग परिवर्तित होता है
वेग एवं त्वरण दोनों परिवर्तित होते हैं
वेग एवं त्वरण दोनों परिवर्तित होते हैं
$160\, m$ त्रिज्या वाले वक्र मार्ग पर $400 \,m/s$ चाल से गति करती हुई रेलगाड़ी का त्वरण होगा
दो कोरें $S_1$ तथा $S_2$, एक समतलीय संकेंद्री वृताकार पथ (coplanar concentric circular path) पर एक दूसरे के परस्पर विपरीत दिशा में गतिमान हैं । $S_1$ तथा $S_2$, का परिक्रमण काल (period of revolution) क्रमशः $3 \,min$ तथा $24 \,min$ है | यदि समय $t=0$ पर $S_1$ तथा $S_2$ एक दूसरे से अधिकतम दूरी पर हों तो, वे
एक वस्तु $100 \,m$ त्रिज्या के वृत्त में $31.4\, m/s $ की नियत चाल से गति कर रही है। एक पूर्ण चक्कर लगाने पर उसकी औसत चाल ....... $m/s$ होगी
एक शांकव (conical) दोलक, जिसकी लम्बाई $1\; m$ है और जो $Z-$अक्ष से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर हैं, $X Y$ समतल में एक गोलाकार पथ में चलता है। गोलाकार पथ की त्रिज्या $0.4\; m$ है और उसका केन्द्र बिन्दु $O$ के ठीक नीचे है। उस दोलक की गति गोलाकार पथ में होगी : $\left(g=10 \;ms ^{-2}\right)$
एक कार $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर रेखीय वेग $v$ से गति कर रही है। यदि इसकी चाल $a\,$मीटर/सैकण्ड$^2$ के त्वरण से बढ़ रही है, तो परिणामी त्वरण का मान होगा