एकसमान वृत्तीय गति में
वेग एवं त्वरण दोनों अचर होते हैं
त्वरण एवं चाल अचर होते हैं किन्तु वेग परिवर्तित होता है
वेग एवं त्वरण दोनों परिवर्तित होते हैं
वेग एवं त्वरण दोनों परिवर्तित होते हैं
एकसमान वृत्तीय गति में निम्न में से कौनसी भौतिक राशि नियत नहीं रहती
$m$ द्रव्यमान का एक गोलाकार पिण्ड $l$ लम्बाई की डोरी से बाँधकर क्षैतिज वृत्ताकार मार्ग पर $v$ चाल से घुमाया जा रहा है। इसे पूर्ण क्षैतिज वृत्त में घुमाने हेतु किया गया कार्य होगा
एक धावक $10$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्ताकार मार्ग का एक चक्कर $40$ सैकण्ड में पूरा करता है। उसके द्वारा $2$ मिनट $20$ सैकण्ड में तय की गई दूरी ........ $m$ है
एक कण $P$ घर्षण विहीन अर्द्धगोले में फिसल रहा है। $t = 0$पर यह बिन्दु $A$ से गुजरता है तथा इस समय इसके वेग का क्षैतिज घटक $v$ है। समान द्रव्यमान के अन्य कण $Q $ को $t = 0$ पर बिन्दु $A$ से क्षैतिज डोरी $AB $ के अनुदिश $v$ वेग से प्रक्षेपित किया जाता है (चित्रानुसार) $Q$ तथा डोरी के मध्य कोई घर्षण नहि यदि $P$ तथा $Q$ कणों को $B$ बिन्दु तक पहुँचने में लगे समय क्रमश:${t_P}$तथा ${t_Q}$हों तो
एक छात्र एक रेम्प के ऊपर की ओर स्केटिंग करता है, जो क्षैतिज के साथ $30^{\circ}$ कोण बनाता है। वह $v _0$ चाल से रेम्प के आधार से प्रारम्भ (जैसा की चित्र में दिखाया गया है) होता/ होती है तथा $R$ त्रिज्या के एक अर्द्धवृत्तीय पथ $xyz$ के ऊपर घूमना चाहता/चाहती है जिसके दौरान वह धरातल से अधिकतम ऊँचाई $h$ (बिन्दु $y$ पर) पहुँचता/पहुँचती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। माना कि ऊर्जा हानि नगण्य है तथा उच्चतम बिन्दु पर इस घुमाव के लिए आवश्यक बल केवल उसके भार द्वारा प्रदान किया जाता है। तब ( $g$ गुरूत्वीय त्वरण है)
$(A)$ $v_0^2-2 g h=\frac{1}{2} g R$
$(B)$ $v_0^2-2 g h=\frac{\sqrt{3}}{2} g R$
$(C)$ बिन्द $x$ तथा $z$ पर आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल शून्य है।
$(D)$ आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल बिन्दु $x$ तथा $z$ पर अधिकतम है।