उत्सर्जित कैथोड किरणों की गतिज ऊर्जा निर्भर करती है
सिर्फ वोल्टेज पर
कार्यफलन पर
$(a)$ एवं $(b)$ दोनों
यह किसी भी भौतिक राशि पर निर्भर नहीं करती
जब इलेक्ट्रॉन का पुँज वैद्युत क्षेत्र से गुजरता है तब उसकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। यदि यही पुँज चुम्बकीय क्षेत्र में से गुजरे तब
मिलिकन के तेल बूँद प्रयेाग में तेल बूंद का द्रव्यमान $16 \times {10^{ - 6}}kg$ है एवं यह बूँद ${10^6}V/m$ के विद्युत क्षेत्र में संतुलित की जाती है। बूँद पर कूलॉम में आवेश क्या होगा, जबकि $g = 10\,m/{s^2}$ है
एक इलेक्ट्रॉन प्रारम्भ में विरामावस्था में है, इसे $ 200 V$ के विभवान्तर से त्वरित करने पर इसके द्वारा प्राप्त वेग $8.4 \times {10^6}m/s$ है। इलेक्ट्रॉन का $ e/m$ होगा
जब कैथोड किरणें एक धातु की प्लेट से टकराती हैं, तो वह गर्म हो जाती है
मिलिकन के प्रयोग में तेल का उपयोग किया जाता है इसका कारण है