त्रिज्या $R$ और कुल आवेश $Q$ वाले एक ठोस गोले पर आवेश घनत्व वितरण $P(r)=\frac{Q}{\pi R^{4}} r,$ गोले के केन्द्र से $r_{1}$ दूरी पर गोले के अन्दर एक बिन्दु $'p'$ पर विघुत क्षेत्र का परिमाण है :
$0$
$\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}{r_1}^2}}$
$\;\frac{Q}{{4\pi {\varepsilon _0}{R^4}}}$
$\;\frac{{Q{r_1}^2}}{{3\pi {\varepsilon _0}{R^4}}}$
चित्र में दर्शाये अनुसार तीन अनन्त लम्बाई की आवेशित चादरें रखी है। बिन्दु $P$ पर विद्युत क्षेत्र होगा
$10\,cm$ त्रिज्या वाले एकसमान आवेशित कुचालक गोले के केन्द्र से $20\,cm$ की दूरी पर विद्युत क्षेत्र $100\, V/m$ है। गोले के केन्द्र से $3\,cm$ दूरी पर विद्युत क्षेत्र .....$V/m$ होगा
केन्द्र से $\mathrm{r}$ दूरी के साथ $\mathrm{R}$ त्रिज्या के एक एकसमान आवेशित कुचालक ठोस गोले के कारण वैद्युत क्षेत्र का अभिरेखीय परिवर्तन निम्न प्रकार प्रंदर्शित है:
एक त्रिज्या $R_1$ तथा एक समान आवेश घनत्व का गोलाकर आवेश मूल बिन्दु $O$ पर केन्द्रित है। इसमें एक $R_2$ त्रिज्या तथा $P$ पर केन्द्रित एक गोलाकार गुहिका (cavity), जहाँ $O P=a=R_1-R_2$ है, वनाई जाती है। (चित्र देखें)। यदि गुहिका के अन्दर स्थिति $\vec{r}$ पर विधुत क्षेत्र $\overline{ E }(\overrightarrow{ r })$ है, तव सही कथन है (हैं)
एक $‘R’$ त्रिज्या के ठोस गोले पर एकसमान रूप से आवेश वितरित है। विद्युत क्षेत्र $‘E’$ तथा गोले के केन्द्र से दूरी $‘r’$ के बीच क्या सम्बन्ध है ( r , R से कम है )