द्विपरमाणुक गैस के $1$ मोल को $(\gamma = 1.4)$ रुद्धोष्म रूप से संपीड़ित किया जाता है, जिससे इसका ताप $27°C$ से बढ़कर $127°C$ हो जाता है तो सम्पन्न कार्य होगा

  • A

    $2077.5$ जूल

  • B

    $207.5$ जूल

  • C

    $207.5 $ अर्ग

  • D

    उपरोक्त कोई नहीं

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यदि अधिक दाब पर गैस से भरा सिलेण्डर फट जाये, तो गैस में परिवर्तन

$V$ आयतन की कुछ नियत मात्रा की गैस को $27^{\circ}\,C$ तापमान एवं $2 \times 10^7\,Nm ^{-2}$ दाब पर, समतापीय प्रक्रम से, इसका आयतन दोगुना होने तक प्रसारित किया जाता है। इसके बाद, इसे रूद्धोष्म प्रक्रम से इसका आयतन फिर से दोबारा दोगुना होने तक प्रसारित किया जाता है। गैस के अंतिम दाब का मान होगा (दिया है $\gamma=1.5$ )

  • [JEE MAIN 2022]

तापमान $300\, K$ से शुरू होकर $1$ मोल द्विपरमाणुक आदर्श गैस $(\gamma=1.4)$ का पहले रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा $V _{1}$ आयतन से $V _{2}=\frac{ V _{1}}{16}$ आयतन तक संपीडन किया जाता है। तत्पश्चात इसे समदाबीय प्रक्रिया द्वारा $2 V _{2}$ आयतन तक प्रसारित होने दिया जाता है। यदि सभी प्रक्रियाएँ स्थैतिककल्प (quasi-static) हों तो गैस का अन्तिम तापमान का (निकटतम पूर्णांक ${ }^{\circ} K$ में) होगा।

  • [JEE MAIN 2020]

माना एक मोल हीलियम गैस एक पात्र में प्रारम्भिक दाब $P _1$ व आयतन $V _1$ पर परिबद्ध है। यह समतापीय रूप से आयतन $4 V _1$ तक प्रसारित होती है। इसके बाद यह रुद्धोष्म रूप से प्रसारित होती है तथा इसका आयतन $32 V _1$ हो जाता है।

समतापीय तथा रुद्धोष्म प्रसार प्रक्रमों के दौरान गैस द्वारा किया गया कार्य  $W_{\text {iso }}$ तथा $W_{\text {adia, }}$ है। यदि अनुपात $\frac{ W _{\text {iso }}}{ W _{\text {adia }}}$ $= f \ln 2$ है, तब $f$ का मान  . . . . .है।

$=f \ln 2$ है, तब $f$ का मान. . . . .है।

  • [IIT 2020]

स्थिर दाब तथा स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्माओं $5/3$ अनुपात वाली एक आदर्श गैस का एक मोल रुद्धोष्म रीति से $6R$ जूल कार्य करता है। यदि गैस का आरम्भिक ताप $T\, K$ हो, तो इसका अन्तिम ताप होगा

  • [AIPMT 2004]