प्रकाश की क्वाण्टम प्रकृति को किस परिघटना द्वारा समझाया जाता है
हाइगन तरंग सिद्धान्त से
प्रकाश वैद्युत प्रभाव से
मेक्सवेल के विद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त से
डी-ब्रोग्ली सिद्धान्त से
$50 cm$ दूर रखे किसी बिन्दु स्त्रोत के द्वारा एक सीजियम सेल को प्रदीप्त किया जाता है। इस सेल के सिरों पर $60 V$ का विभवान्तर है। जब वही प्रकाश स्रोत $1m$ दूर रखा जाये तो सेल से उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन
यदि आपतित फोटॉन की तरंगदैध्र्य कम कर दी जाये तो
अंतरिक्षयान में एक दिन, पृथ्वी के दो दिनों के तुल्य है। पृथ्वी के सापेक्ष अंतरिक्षयान की चाल होगी
एक महत्वपूर्ण स्पेक्ट्रमी उत्सर्जन रेखा की तरंगदैध्र्य $21 cm$ है। संगत फोटॉन ऊर्जा होगी
$(h = 6.62 \times {10^{ - 34}}Js;\;\;c = 3 \times {10^8}m/s)$