$5\; W$ का एक स्रोत $5000\;\mathring A$ तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। $0.5\; m$ की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश संवेदी धात्विक तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्रोत को तल से $1\;m$ की दूरी पर ले जाया जाएगा, तो विमुक्त प्रकाशी इलेक्ट्रॉनों की संख्या

  • [AIPMT 2007]
  • A

    $4$ के गुणक से कम हो जाएगी

  • B

    $2$ के गुणक से कम हो जाएगी

  • C

    $8$ के गुणक से कम हो जाएगी

  • D

    $16$ के गुणक से कम हो जाएगी

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एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा

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निम्न में से कौन सा प्रभाव $X$-किरण वर्णक्रम के निरंतर (continuous) भाग के लिए उत्तरदायी है?

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$h\nu $ ऊर्जा के फोटॉन का संवेग

मानव नेत्र के द्वारा संसूचित $(detect)$ की जा सकने वाली प्रकाश की न्यूनतम तीव्रता ${10^{ - 10}}W/{m^2}$ है। दिखायी देने के लिये ${10^{ - 6}}{m^2}$ क्षेत्रफल वाली आंख की पुतली में प्रति सैकण्ड प्रवेश करने वाले फोटॉनों की संख्या लगभग होगी (जबकि फोटॉन की तरंगदैध्र्य$\lambda  =5.6 \times {10^{ - 7}}m$ है)

किसी धातु से प्रकाश विद्युत प्रभाव के लिए देहली तरंगदैध्र्य $6500 \mathring A$ है। धातु का कार्यफलन लगभग ......... $eV$ होगा