सूर्य का प्रकाश, $36\,cm ^2$ क्षेत्रफल वाले किसी तल पर लम्बवत् गिर रहा है, जो कि $20$ मिनट के समय अन्तराल में इस पर $7.2 \times 10^{-9}\,N$ का औसत बल आरोपित करता है। यदि पूर्ण अवशोषण की स्थिति माना जाए, तो आपतित प्रकाश के ऊर्जा फ्लक्स का मान होगा
$25.92 \times 10^{2}\,W / cm ^{2}$
$8.64 \times 10^{-6}\,W / cm ^{2}$
$6.0\,W / cm ^{2}$
$0.06\,W / cm ^{2}$
$+ z$ -अक्ष की दिशा में गमन करती हुई विधुत चुम्बकीय तरंगो से सम्बद्ध विधुत और चुम्बकीय क्षेत्रों को निरूपित किया जा सकता है:
विद्युत चुम्बकीय $(EM)$ तरंगों के प्रसिद्ध गुणों की नीचे दी गई व्याख्या में से सही कथन ज्ञात कीजिए।
$A.$ किसी समतलीय विद्युत चुम्बकीय तरंग में, विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र एक-दूसरे के लम्बवत् होने चाहिए एवं तरंग के संचरण की दिशा विद्यत क्षेत्र या चुम्बकीय क्षेत्र के अनुदिश होनी चाहिए।
$B.$ विद्युत चुम्बकीय तरंग में निहित ऊर्जा, विद्युत एवं चुम्बकीय श्रोतों में एक समान रूप से विभाजित होती है।
$C.$ विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र, दोनों एक-दूसरे के समानान्तर होते हैं, एवं तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् होते हैं।
$D.$ विद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र एवं तरंग संचरण की दिशा, आपस में एक-दूसरे के लम्बवत् होने चाहिए।
$E.$ चुम्बकीय क्षेत्र के आयाम एवं विद्युत क्षेत्र के आयाम का अनुपात प्रकाश की चाल के बराबर होता है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चनिए:
विध्यूतशीलता $\epsilon_{0}$ और चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ के माध्यम में विध्यूत-चुम्बकीय विकिरण का वेग होता है:
मुक्त आकाश में किसी बिन्दु पर सूर्य के प्रकाश की तीव्रता $0.092\, Wm ^{-2}$ है। इस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का शिखर मान होगा। $\left(\varepsilon_{0}=8.85 \times 10^{-12} \,C ^{2} \,N ^{-1}\, m ^{-2}\right)$
कोई $3\, GHz$ आवत्ति की विधुत चुम्बकीय तरंग निर्वात से किसी परावैधुत माध्यम जिसकी सापेक्षिक विधुतशीलता $2.25$ है में प्रवेश करती है। इस माध्यम में इस तरंग की तरंगदैर्ध्य $.......\,\times 10^{-2}\, cm$ होगी।