माना कि दीर्घ वृत्त $\frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{5}=1$ की नाभियाँ (foci) ( $\left.f_1, 0\right)$ और $\left(f_2, 0\right)$ है, जहाँ $f_1>0$ और $f_2<0$ है। माना कि $P_1$ एवं $P_2$ दो परवलय (parabola) है जिनकी नाभियाँ क्रमशः $\left(f_1, 0\right)$ तथा $\left(2 f_2, 0\right)$ हैं तथा दोनों के शीर्प (vertex) $(0,0)$ है। माना कि $P_1$ की स्पर्श रेखा $T_1$ बिन्दु $\left(2 f_2, 0\right)$ से, एवं $P_2$ की स्पर्श रेखा $T_2$ विन्दु $\left(f_1, 0\right)$ से गुजरती हैं। यदि $T_1$ की प्रवणता (slope) $m_1$ हो, हो और $T _2$ की प्रवणता $m _2$ हो, तव $\left(\frac{1}{ m _1^2}+ m _2^2\right)$ का मान है
$1$
$2$
$3$
$4$
एक दीर्घवृत्त एक गोल धागे से बनाया जाता है जो दो पिनों के ऊपर से होकर गुजरता है । यदि इस प्रकार बने दीर्घवृत्त के अक्ष क्रमश: $6$ सेमी व $4$ सेमी हों, तो धागे की लम्बाई और पिनों के बीच की दूरी सेमी में क्रमश: होगी
दीर्घवृत्त $25{x^2} + 16{y^2} = 100$ की उत्केन्द्रता है
प्रतिबंधों को संतुष्ट करते हुए दीर्घवृत्त का समीकरण ज्ञात कीजिए
शीर्षों $(\pm 5,0),$ नाभियाँ $(±4,0)$
माना दीर्घवत्त $\frac{ x ^{2}}{9}+\frac{ y ^{2}}{1}=1$ तथा वत्त $x ^{2}+ y ^{2}=3$ के प्रथम चतुर्थाश में प्रतिच्छेदन बिन्दु पर स्पर्श रेखाओं के बीच न्यून कोण $\theta$ है। तब $\tan \theta$ बराबर है
माना कि $E_1$ और $E_2$ दो दीर्घवृत हैं जिनके केन्द्र मूलबीन्दु हैं। $E_1$ और $E_2$ की दीर्घ अक्षायें क्रमशः $x$-अक्ष और $y$-अक्ष पर स्थित हैं। माना कि $S: x^2+(y-1)^2=2$ एक वृत्त है। सरल रेखा $x+y=3$, वक्रों $S, E_1$ और $E_2$ को क्रमशः $P, Q$ और $R$ पर स्पर्श करती है। माना कि $P Q=P R=\frac{2 \sqrt{2}}{3}$ है। यदि $e_1$ और $e_2$ क्रमशः $E_1$ और $E_2$ की उत्केन्द्रता (eccentricities) हैं, तब सही कथन है
$(A)$ $e_1^2+e_2^2=\frac{43}{40}$
$(B)$ $e_1 e_2=\frac{\sqrt{7}}{2 \sqrt{10}}$
$(C)$ $\left|e_1^2-e_2^2\right|=\frac{5}{8}$
$(D)$ $e_1 e_2=\frac{\sqrt{3}}{4}$