$5\,\mu C , 0.16\,\mu C$ और $0.3\,\mu C$ परिमाण के तीन बिन्दु आवेश, एक समकोण त्रिभुज के कोनों $A , B$ और $C$ पर क्रमश: रखें है, जिसकी भुजाऐं $AB =3\,cm$, $BC =3 \sqrt{2}\,cm$ और $CA =3\,cm$ है, एवं $A$ बिन्दु उसके समकोण वाले कोने पर है। बिन्दु $A$ पर रखा आवेश, बाकी दो आवेशों के कारण $.......N$ के स्थिर वैद्युत बल का अनुभव
$177$
$12$
$17$
$29$
$+ 2\,C$ और $+ 6 \,C$ दो वैद्युत आवेशों में प्रतिकर्षण का बल $12$ न्यूटन है। प्रत्येक आवेश को $ - 2\,C$ आवेश दिये जाने पर इनके मध्य का बल होगा
$(a)$ "किसी वस्तु का वैध्यूत आवेश क्वांटीकृत है," इस प्रकथन से क्या तात्पर्य है?
$(b)$ स्थूल अथवा बड़े पैमाने पर वैध्यूत आवेशों से व्यवहार करते समय हम वैध्यूत आवेश के क्वांटमीकरण की उपेक्षा केसे कर सकते हैं?
$40$ स्थैतिक कूलॉम बिन्दु आवेश से $2$ सेमी की दूरी पर भू-संयोजित धातु की बड़ी प्लेट रखी गई है, तो बिन्दु आवेश पर लगने वाला आकर्षण बल .........डाइन है
नियत आवेश से आवेशित दो गोलाकार के मध्य के बलों का अनुपात $(a)$ वायु में $(b)$ $K$ परावैद्युतांक माध्यम में होता है
एक घन जिसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $b$ है। इसके प्रत्येक कोने पर आवेश $q$ रखा है, इस आवेश वितरण के कारण घन के केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र का मान होगा