एक दोलन करने वाले सरल लोलक का आयाम $10$ सेमी तथा आवर्तकाल $4$ सैकण्ड है। अपनी साम्य अवस्था से गुजरने के पश्चात $1$ सैकण्ड के बाद इसकी चाल .....मी/सै होगी
$0$
$0.57$
$ 0.212$
$0.32$
पृथ्वी की सतह पर सैकेण्डी लोलक की लम्बाई $1\,m$ है। चन्द्रमा के तल पर सैकेण्डी लोलक की लम्बाई, जहाँ $g$ का मान पृथ्वी से $\frac{1}{6}$ गुना है, होगी
एक सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लोलक की लम्बाई $21\% $ बढ़ा दी जाये तो इसका आवर्तकाल कितने .... $\%$ प्रतिशत बढ़ जायेगा
एक व्यक्ति के पास एक हाथ घड़ी एवं एक पेण्डुलम वाली घड़ी है। यह व्यक्ति एक स्तम्भ पर खड़ा है। यह अचानक दोनों घड़ियों को ऊपर से छोड़ देता है तब
एक सरल लोलक को विषुवत रेखा पर ले जाने पर इसका दोलनकाल
यदि एक सरल लोलक दोलन करते हुये $10\,cm$ की ऊध्र्वाधर ऊँचाई प्राप्त करता है। तो माध्य स्थिति पर इसका वेग होगा ($g = 9.8\, m/s^{2}$) .... $m/s$