एक समान्तर पट्ट संधारित्र की पट्टिकाओं का क्षेत्रफल $A$ है और पट्टिकाओं के बीच की दूरी $10$ मिमी है। इसमें दो परावैद्युत चादरें हैं, एक का परावैद्युतांक $10$  और मोटाई $6$ मिमी है तथा दूसरी का परावैद्युतांक $5$ तथा मोटाई $4$ मिमी है। इस संधारित्र की धारिता है

  • A

    $\frac{{12}}{{35}}{\varepsilon _0}A$

  • B

    $\frac{2}{3}{\varepsilon _0}A$

  • C

    $\frac{{5000}}{7}{\varepsilon _0}A$

  • D

    $1500\;{\varepsilon _0}A$

Similar Questions

यदि समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच $t = d/2$ मोटाई की परावैद्युत पट्टी रख दी जाये तो, संधारित्र की धारिता पूर्व मान की $4/3$ गुनी हो जाती है। ($d$ प्लेटों के मध्य दूरी है) तो परावैद्युत पट्टी का परावैद्युतांक है

एक समान्तर प्लेट संधारित्र, जिसका क्षेत्रफल $A$, प्लेट अंतराल $d$ एवं धारिता $C$ है, को तीन परावैद्युत पदार्थों से भारा गया है। इनके परावैद्युतांक ${K_1},{K_2}$ और ${K_3}$ हैं। यदि केवल एक परावैद्युत पदार्थ का प्रयोग करके इस संधारित्र की वही धारिता $C$ प्राप्त करनी हो तो इसके परावैद्युतांक $k$ का समीकरण है

  • [IIT 2000]

एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल $6 \,cm ^{2}$ तथा उनके बीच दूरी $3\, mm$ है। प्लेटों के बीच तीन उसी मोटाई तथा एकसमान क्षेत्रफल के परावैधुतों जिनके परावैधुतांक, $K _{1}=10, K _{2}=12$ तथा $K _{3}=14$ हैं, से चित्रानुसार भर दिया जाता है। इसी संधारित्र में ऐसे परावैधुत का परावैधुतांक क्या होगा जिसे डालने पर वही धारिता प्राप्त हो।

  • [JEE MAIN 2019]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र को सर्वप्रथम आवेशित किया जाता है। फिर इसकी प्लेटों के बीच परावैद्युतांक की पट्टिका रखी जाती है। अपरिवर्तित रहने वाली राशि है

$r$ त्रिज्या की प्लेटों को एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखने से निर्मित समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच $r/2$ त्रिज्या, $d$ मोटाई तथा $6$ परावैद्युतांक वाले पदार्थ की प्लेट रख दी जावे, तो संधारित्र की धारिता होगी