$30$ मिनट अर्द्ध-आयुकाल के एक रेडियोधर्मी द्रव्य का गाइगर-मूलर $(Geiger-Muller)$ काउन्टर में काउन्ट रेट $2$ घण्टे में $5\,{s^{ - 1}}$ घट जाती है। आरम्भिक काउन्ट रेट ...........${s^{ - 1}}$ था
$25$
$80$
$625$
$20$
किसी रेडियोएक्टिव नाभिक का क्षय नियतांक $1.5 \times 10^{-5} \mathrm{~s}^{-1}$ है। पदार्थ का परमाणु भार $60 \mathrm{~g} \mathrm{~mole}^{-1}$ है। $1.0 \mu \mathrm{g}$ पदार्थ की सक्रियता____________$\times 10^{10} \mathrm{~Bq}$ है। $\left(\right.$ यदि $\left.\mathrm{N}_{\mathrm{A}}=6 \times 10^{23}\right)$
एक रेडियोसक्रिय विघटन श्रृंखला $_{93}N{p^{237}}$ से शुरू होकर उत्तरोत्तर उत्सर्जन द्वारा $_{90}T{h^{229}}$ को उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कण हो सकते हैं
एक रेडियोसक्रिय न्यूक्लाइड की अर्धआयु $100$ घंटे हैं। $150$ घन्टे के बाद प्रारम्भिक सक्रियता का बचा हुआ भिन्नात्मक भाग होगा :
एक रेडियोसक्रिय तत्व के तात्क्षणिक सान्द्रण $(N)$ एवं समय $(t)$ के बीच सही ग्राफ है
नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन $-I$ :
रेडियोऐक्टिव क्षयता का नियम कहता है कि प्रति इकाई समय क्षय होने वाले नाभिकों की संख्या, नमूने के कुल नाभिकों की संख्या के व्युक्कमानुपाती होती है।
कथन $-II$ :
सभी नाभिकों के कुल जीवन काल के योग को, समय $t=0$ पर उपलब्य नाभिकों की संख्या से भाग देने पर रेडियोऐक्टिव पदार्थ की अर्द्धायु प्राप्त होती है।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकत्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें।