एक रेडियो समस्थानिक का क्षय-नियतांक $\lambda$ है। यदि इसकी समय $t_{1}$ और $t_{2}$ पर सक्रियता क्रमश : $A_{1}$ और $A_{2}$ हो तो $\left(t_{1}-t_{2}\right)$ समयावधि में क्षयित नाभिकों की संख्या होगी
$A_1t_1-A_2t_2$
$A_1-A_2$
$(A_1-A_2)/λ$
$λ (A_1-A_2)$
एक रेडियोधर्मी पदार्थ की अर्द्धआयु $T$ है, तो $\frac{T}{2}$ समय पश्चात् जो हिस्सा बचेगा, वह है
कोई रेडियोसक्रिय नमूना,$15$ मिनट में अपनी वास्तविक मात्रा का $\frac{7}{4}$ गुना क्षयित हो जाता है। नमूने की अर्द्धायु $...........min$ होगी
एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उसके द्वारा उत्सर्जित ऐल्फा कणों की संख्या से दोगुनी है। प्राप्त हुआ पुत्री पदार्थ मूल पदार्थ का
किसी रेडियोएक्टिव नाभिक की अर्द्धायु $5$ वर्ष है। वास्तविक नमूने का वह भाग जो $15$ वर्षो में क्षय हो जाएगा, वह है:
$1.6 \times 10^{-26} \,kg$ द्रव्यमान एवं $6.9$ सेकंड अर्ध आयु के ढेर सारे कण $0.05 \,eV$ की गतिज ऊर्जा से गतिमान है। $1 \,m$ की दूरी तय करने में कणों का कितना अंश क्षय हो जाएगा?