हाइड्रोजन परमाणु में प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन के बीच की दूरी ${10^{ - 10}}$ मीटर है। इन दोनों पर आवेश का परिमाण $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ है। प्रोटॉन के कारण इलेक्ट्रॉन पर उत्पé विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा
$2.304 \times {10^{ - 10}}\,N/C$
$14.4\,V/m$
$16\,V/m$
$1.44 \times {10^{11}}\,N/C$
$5 \times {10^{ - 5}}\,kg$ द्रव्यमान का एक आवेशित कण ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत ${10^7}\,N{C^{ - 1}}$ के विद्युत क्षेत्र में संतुलित है। कण पर आवेश होगा
एक आवेशित खोखला गोला विद्युत क्षेत्र उत्पन्न नहीं करता
${10^{ - 5}}$ सेमी त्रिज्या वाली जल की एक बूँद पर एक इलेक्ट्रॉन का आवेश है। उसे वायु में निलम्बित करने के लिए आवश्यक वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी लगभग
($g$ = $10$ न्यूटन/किग्रा, $e$ = $1.6 × 10^{-9}$ कूलॉम)
$25\,\mu C$ और $36\,\mu C$ दो बिन्दु आवेशों के मध्य की दूरी $11\,cm$ है। दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के किस बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होगी
तीन एकसमान बिन्दु आवेश चित्रानुसार एक समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रखे गये हैं। विकर्ण के मध्य बिन्दु पर कौनसा सदिश विद्युत क्षेत्र की दिशा से संपाती होगा