एक समान्तर प्लेट संधारित्र के बीच की दूरी $8$ मिमी तथा विभवान्तर $120$ वोल्ट है। यदि प्लेटों के बीच $6$ मिमी मोटाई की परावैद्युत प्लेट रख दी जावे जिसके पदार्थ का परावैद्युतांक $6$ हो, तो
संधारित्र पर आवेश दोगुना हो जावेगा
संधारित्र पर आवेश आधा हो जावेगा
संधारित्र पर विभवान्तर $320$ वोल्ट हो जावेगा
संधारित्र पर विभवान्तर $45$ वोल्ट हो जावेगा
एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $d$ है। $d/2$ मोटाई की एक धातु प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच रख दी जाती है। तब धारिता
एक समांतर पट्न संधारित्र परावैद्युतांक $10$ वाले माध्यम द्वारा भरा जाता है, इसको एक बैटरी से जोड़कर आवेशित किया जाता है। परावैद्युत पट्टिका को परावैद्युतांक $15$ वाले दूसरे पदार्थ द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो संधारित्र की ऊर्जा
जब संधारित्र में परावैद्युत वायु के स्थान पर $K$ परावैद्युतांक के पदार्थ को रखा जाता है, तो धारिता
वर्गाकार प्लेटों वाले एक समान्तर प्लेट संधारित्र को चित्रानुसार चार परावैधुतों, जिनके परावैधुतांक $K _{1}, K _{2}, K _{3}$ तथा $K _{4}$ है, से भर दिया जाता है तो प्रभावी परावैधुतांक $K$ का मान होगा?
किसी वायु संधारित्र को एक बैटरी से जोड़ा गया है। संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच का स्थान परावैद्युत से भरने का परिणाम है, बढ़ जाना