चित्र में दिखाये गये द्वि-स्प्रिंग निकाय का प्रभावी स्प्रिंग नियतांक होगा

94-29

  • A

    ${K_1} + {K_2}$

  • B

    ${K_1}{K_2}/{K_1} + {K_2}$

  • C

    ${K_1} - {K_2}$

  • D

    ${K_1}{K_2}/{K_1} - {K_2}$

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$m$ द्रव्यमान का पिण्ड, $k$ बल नियतांक वाली स्प्रिंग् पर आवर्तकाल $T$ के दोलन करता है। यदि ​स्प्रिंग् के दो बराबर भाग करके उन्हें समान्तर में चित्रानुसार जोड़कर उसी द्रव्यमान को फिर से दोलन कराए जाएँ तब आवर्तकाल होगा

एक हल्की स्प्रिंग् से $M$ द्रव्यमान लटकाया जाता है। $m$ द्रव्यमान और लटकाने पर इसमें दूरी $'x'$ की अतिरिक्त वृद्धि हो जाती है। अब संयुक्त द्रव्यमान का इस स्प्रिंग् पर दोलनकाल होगा

दो पेण्डुलमों के आवर्तकाल $T$ एवं $\frac{{5T}}{4}$ हैं। ये दोनों एक साथ साम्य स्थिति से दोलन प्रारम्भ करते हैं। बड़े पेण्डुलम के एक दोलन पूर्ण करने के पश्चात् दोनों के बीच कलान्तर .... $^o$ होगा

एक हल्की, उध्र्वाधर लटकी स्प्रिंग के निचले सिरे से जुड़ा हुआ कण कम्पन कर रहा है। कण का अधिकतम वेग $15$ मी/सै है तथा दोलनकाल $628$ मिली सैकण्ड है। गति का आयाम (सेमी में)

चित्र में दर्शाए अवमदित दोलक के लिए गुटके का द्रव्यमान $m=200\, g . k =90\, N\, m ^{-1}$ तथा अवमंदन स्थिरांक $b=40 g s ^{-1}$ है ।

$(a)$ दोलन का आवर्तकाल.

$(b)$ वह समय जिसमें इसके कंपन का आयाम अपने आरंभिक मान का आधा रह जाता है तथा

$(c)$ वह समय जिसमें यांत्रिक ऊर्जा अपने आरंभिक मान की आधी रह जाती है, परिकलित कीजिए