एक प्रत्यास्थ पदार्थ का रेखीय प्रतिबल एवं रेखीय विकृति का परिवर्तन चित्रानुसार है। रेखीय विकृति $5 \times 10^{-4}$ के लिये ऊर्जा घनत्व $kJ / m ^3$ में ज्ञात कीजिए। माना पदार्थ प्रत्यास्थ रेखीय विकृति $5 \times 10^{-4}$ तक प्रत्यास्थ है।
$35$
$-35$
$25$
$-25$
किसी रबर की गुलेल, जिसकी लम्बाई $0.1 \,m$, अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $10^{-6} \,m ^{2}$ को $0.04\, m$ खींचकर, $20\, g$ के पत्थर को प्रक्षेपित किया गया है। प्रक्षेपित किए गए पत्थर का वेग $.......\,m / s$ होगा। (रबर का यंग गुणांक $=0.5 \times 10^{9} \,N / m ^{2}$ )
तनी हुई रबर में होती है
एक तार एक सिरे से ऊध्र्वाधर लटकाया जाता है तथा इसके दूसरे सिरे पर $20N$ का भार लटकाया जाता है। यदि भार तार को $1.0$ मिमी खींचता है, तार में ऊर्जा वृद्धि तथा जब भार $1.0$ मिमी नीचे आता है, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में कमी का अनुपात होगा
दो तारों के पदार्थ के यंग प्रत्यास्थता गुणांक का अनुपात $2:3$ है। यदि दोनों तारों पर समान प्रतिबल आरोपित किया जाये, तो प्रति एकांक आयतन प्रत्यास्थ ऊर्जा का अनुपात होगा
जब एक $4$ किलोग्राम संहति के पिण्ड को एक हल्की स्प्रिंग से ऊध्र्वाधर स्थिति में लटकाया जाता है, तो स्प्रिंग सेमी तनकर बढ़ जाती है। स्प्रिंग हुक के नियम को मानती है। एक बाह्य कारक द्वारा इस स्प्रिंग को $5$ सेमी तानकर बढ़ाने में किया गया कार्य ....... $joule$ होगा
$(g = 9.8$ मीटर/सैकण्ड ${^2}$$)$