धातु के एक गोले से उत्पत्र विद्युत क्षेत्र में संचित ऊर्जा का मान $4.5 \;J$ है। यदि गोले में निहित आवेश $4 \mu C$ हो तो उसकी त्रिज्या का मान होगा : [दिया है : $\left.\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\; N - m ^{2} / C ^{2}\right]$

  • [JEE MAIN 2017]
  • A

    $20$

  • B

    $32$

  • C

    $28$

  • D

    $16$

Similar Questions

किसी समांतर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल $90\, cm ^{2}$ है और उनके बीच पृथकन $2.5\, mm$ है। $400\, V$ संभरण से संधारित्र को आवेशित किया गया है।

$(a)$ संधारित्र कितना स्थिरवैध्यूत ऊर्जा संचित करता है?

$(b)$ इस ऊर्जा को पट्टिकाओं के बीच स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में संचित समझकर प्रति एकांक आयतन ऊर्जा $u$ ज्ञात कीजिए। इस प्रकार, पट्टिकाओं के बीच विध्यूत क्षेत्र $E$ के परिमाण और $u$ में संबंध स्थापित कीजिए।

$4\,\mu \,F$ धारिता की एक वस्तु को $80\,V$ तक आवेशित करते हैं तथा $6\,\mu \,F$ धारिता की दूसरी वस्तु को $30\,V$ तक आवेशित करते हैं जब इन्हें जोड़ा जाता है तो $4\,\mu \,F$ धारिता वाली वस्तु की ऊर्जा में हानि .....$mJ$ है

संधारित्र में ऊर्जा किस रूप में संचित रहती है

दो गोलीय चालकों को जिसकी प्रत्येक की धारिता $C$ है, विभव $V$ और $ - V$ तक आवेशित किया गया है तत्पश्चात् इन्हें एक बारीक तार से संबद्ध किया गया है। इससे ऊर्जा में ह्यस होगा

$6$ $\mu F$ धारिता वाले एक संधारित्र का विभव $10\, V$ से $20\, V$ करने पर इसकी ऊर्जा में वृद्धि होगी