अतिपरवलय का मानक समीकरण ($x$ - अक्ष के अनुदिश अनुप्रस्थ अक्ष) जिसकी नाभिलम्ब की लम्बाई $9$ इकाई व उत्केन्द्रता $\frac{5}{4}$ है, है
$\frac{{{x^2}}}{{16}} - \frac{{{y^2}}}{{18}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{36}} - \frac{{{y^2}}}{{27}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{64}} - \frac{{{y^2}}}{{36}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{36}} - \frac{{{y^2}}}{{64}} = 1$
शांकव $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के बिन्दु $(a\sec \theta ,\;b\tan \theta )$ पर स्पर्श रेखा का समीकरण है
माना अतिपरवलय $a^2 x^2-y^2=b^2$ की स्पर्श रेखा $\lambda x -2 y =\mu$ है। तब $\left(\frac{\lambda}{ a }\right)^2-\left(\frac{\mu}{ b }\right)^2$ बराबर है:
माना $0 < \theta < \frac{\pi}{2}$ है। यदि अतिपरवलय $\frac{x^{2}}{\cos ^{2} \theta}-\frac{y^{2}}{\sin ^{2} \theta}=1$ की उत्केंद्रता $2$ से अधिक है , तो इसके नाभिलंब की लंबाई जिस अंतराल में है, वह है-
अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{9} - \frac{{{y^2}}}{{16}} = 3$ के बिन्दु $(6, 4)$ पर अभिलम्ब का समीकरण होगा
माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{7}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^2}{144}-\frac{y^2}{\alpha}=\frac{1}{25}$ की नाभियाँ सम्पाती हैं। तो अतिपरवलय के नाभिलंब जीवा की लंबाई है :