उस अतिपरवलय का समीकरण जिसकी अक्ष, निर्देशाक्षों के सापेक्ष हों एवं जिसकी नाभियों के बीच की दूरी $16$ तथा उत्केन्द्रता $\sqrt 2 $ हो, है
${x^2} - {y^2} = 16$
${x^2} - {y^2} = 32$
${x^2} - 2{y^2} = 16$
${y^2} - {x^2} = 16$
अतिपरवलय ${x^2} - 3{y^2} = 2x + 8$ के संयुग्मी अतिपरवलय की उत्केन्द्रता होगी
वक्रों $C _1: \frac{ x ^2}{4}+\frac{ y ^2}{9}=1$ तथा $C _2: \frac{ x ^2}{42}-\frac{ y ^2}{143}=1$ की एक ऊभयनिष्ठ स्पर्श रेखा $T$ चतुर्थ चतुर्थाश से होकर नहीं जाती। यदि $T$ वक्र $C _1$ को $\left( x _1, y _1\right)$ पर तथा वक्र $C _2$ को $\left( x _2, y _2\right)$ पर स्पर्श करती है, तो $\left|2 x _1+ x _2\right|$ बराबर है $..........$
अतिपरवलय $3{x^2} - 4{y^2} = 32$ के अनुप्रस्थ अक्ष की लम्बाई है
माना रेखा $L : y = mx + c , m > 0$ के अनुदिश परवलय $P : y ^2=4 x$ की नाभिलंब जीवा परवलय को बिन्दुओं $M$ तथा $N$ पर मिलती हैं माना रेखा $L$ अतिपरवलय $H : x ^2- y ^2=4$ की एक स्पर्श रेखा है। यदि $P$ का शीर्ष $O$ है तथा $H$ की धनात्मक $x$-अक्ष पर नाभि $F$ है, तो $OMFN$ का क्षेत्रफल है:
अतिपरवलय $9{x^2} - 16{y^2} = 144$ पर स्थित किसी बिन्दु की नाभीय दूरियों का अन्तर है