उस अतिपरवलय, जिसकी नाभि दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{25}} + \frac{{{y^2}}}{9} = 1$ की नाभि के बराबर है, तथा उत्केन्द्रता $2$ है का समीकरण होगा
$\frac{{{x^2}}}{4} + \frac{{{y^2}}}{{12}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{4} - \frac{{{y^2}}}{{12}} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{12}} + \frac{{{y^2}}}{4} = 1$
$\frac{{{x^2}}}{{12}} - \frac{{{y^2}}}{4} = 1$
माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{7}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^2}{144}-\frac{y^2}{\alpha}=\frac{1}{25}$ की नाभियाँ सम्पाती हैं। तो अतिपरवलय के नाभिलंब जीवा की लंबाई है :
अतिपरवलय $3{x^2} - 2{y^2} + 4x - 6y = 0$ की जीवाओं जो कि $y = 2x$ के समान्तर हैं, के मध्य बिन्दुओं का बिन्दुपथ है
अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ का केन्द्र $C$ है। इस अतिपरवलय के किसी भी बिन्दु $P$ पर खींची गयी स्पर्श रेखा, सरल रेखाओं $bx - ay = 0$ व $bx + ay = 0$ को क्रमश: $Q$ व $R$ बिन्दुओं पर मिलती है, तो $CQ\;.\;CR = $
आयताकार अतिपरवलय $\int_0^1 {{e^x}\left( {\frac{1}{x} - \frac{1}{{{x^3}}}} \right)} \;dx$ की उत्केन्द्रता है
माना $H : \frac{ x ^2}{ a ^2}-\frac{ y ^2}{ b ^2}=1, a >0, b >0$ एक अतिपरवलय इस प्रकार है कि अनुप्रस्थ तथा संयुग्मी अक्षों की लम्बाईयों का योगफल $4(2 \sqrt{2}+\sqrt{14})$ है। यदि अतिपरवलय $H$ की उत्केन्द्रता $\frac{\sqrt{11}}{2}$ है, तो $a ^2+ b ^2$ का मान है $...........$