माना रेखा $L : y = mx + c , m > 0$ के अनुदिश परवलय $P : y ^2=4 x$ की नाभिलंब जीवा परवलय को बिन्दुओं $M$ तथा $N$ पर मिलती हैं माना रेखा $L$ अतिपरवलय $H : x ^2- y ^2=4$ की एक स्पर्श रेखा है। यदि $P$ का शीर्ष $O$ है तथा $H$ की धनात्मक $x$-अक्ष पर नाभि $F$ है, तो $OMFN$ का क्षेत्रफल है:

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  • A

    $2 \sqrt{6}$

  • B

    $2 \sqrt{14}$

  • C

    $4 \sqrt{6}$

  • D

    $4 \sqrt{14}$

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$0 < \theta < \pi / 2$ के लिए,

यदि अतिपरवलय $x^2-y^2 \operatorname{cosec}^2 \theta=5$ की उत्केन्द्रता, दीर्घवृत्त $x^2 \operatorname{cosec}^2 \theta+y^2=5$ की उत्केन्द्रता की $\sqrt{7}$ गुना है, तो $\theta$ का मान है :

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$\frac{x^{2}}{16}-\frac{y^{2}}{9}=1$

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माना एक रेखा $L : 2 x + y = k , k >0$, अतिपरवलय $x ^{2}- y ^{2}=3$ को स्पर्श करती है। यदि रेखा $L$, परवलय, $y ^{2}=\alpha x$ को भी स्पर्श करती है, तो $\alpha$ बराबर है -

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