दो परमाणुओं के मध्य अन्योन्यक्रिया बल सम्बन्ध $F =\alpha \beta \exp \left(-\frac{ x ^{2}}{\alpha kt }\right)$ से दिया जाता है जहाँ $x$ दूरी है, $k$ बोल्ट्जमैन नियतांक तथा $T$ तापमान है और $\alpha$ तथा $\beta$ दो स्थिरांक हैं। $\beta$ की विमा होगी।
$M^0L^2T^{-4}$
$M^2LT^{-4}$
$MLT^{-2}$
$M^2L^2T^{-2}$
स्तम्भ I |
स्तम्भ II |
---|---|
$(i)$ क्यूरी |
$(A)$ $ML{T^{ - 2}}$ |
$(ii)$ प्रकाश वर्ष |
$(B)$ $M$ |
$(iii)$ परावैद्युत सामथ्र्य |
$(C)$ विमाहीन |
$(iv)$ परमाणु भार |
$(D)$ $T$ |
$(v)$ डेसीबल |
$(E)$ $M{L^2}{T^{ - 2}}$ |
$(F)$ $M{T^{ - 3}}$ |
|
$(G)$ ${T^{ - 1}}$ |
|
$(H)$ $L$ |
|
$(I)$ $ML{T^{ - 3}}{I^{ - 1}}$ |
|
$(J)$ $L{T^{ - 1}}$ |
सही मेल का चुनाव कीजिए
एक अतिभारी ब्लैक होल (black hole), जिसका द्रव्यमान $m$ एवं त्रिज्या $R$ है, $\omega$ कोणीय वेग से चक्रण (spin) कर रहा है । यदि इसके द्वारा गुरूत्वीय तरंग (gravitational waves) के रूप में' विकिरित शक्ति $P$ का मान $P=G c^{-5} m^x R^y \omega^z$ है, जहाँ $c$ एवं $G$ क्रमशः प्रकाश का निर्वात में चाल और सार्वत्रिक गुरूत्वीय नियतांक है, तो
कोहरे की स्थिति में वह दूरी $d$, जहाँ से सिग्नल स्पष्ट रूप से दिखाई दे, जानने के लिए एक रेलवे इंजीनियर विमीय विश्लेषण का प्रयोग करता है। उसके अनुसार यह दूरी $d$ कोहरे के द्रव्यमान घनत्व $\rho$ सिग्नल के प्रकाश की तीव्रता $S$ (शक्ति/क्षेत्रफल) तथा उसकी आवृत्ति $f$ पर निर्भर है। यदि इंजीनियर $d$ को $S ^{1 / n}$ के समानुपाती पाता है, तब $n$ का मान है :
एक राशि $f$ का सूत्र $f =\sqrt{\frac{ hc ^{5}}{ G }}$ है। यहाँ पर $c$ प्रकाश की गति $G$ सर्वव्यापी गुरूत्वाकर्षण स्थिरांक तथा $h$ प्लांक स्थिरांक है। $f$ की विमाएँ निम्न में से किसके समान है ?