किसी दोलनशील द्रव बूंद की आवृत्ति (v); द्रव की त्रिज्या $(r)$, द्रव के घनत्व $(\rho)$ व द्रव के पृष्ठ तनाव (s) पर $v=r^a \rho^b s^c$ के अनुसार निर्भर करती है तो $a$, $\mathrm{b}$ व $\mathrm{c}$ के मान क्रमशः है :-
$\left(-\frac{3}{2},-\frac{1}{2}, \frac{1}{2}\right)$
$\left(\frac{3}{2},-\frac{1}{2}, \frac{1}{2}\right)$
$\left(\frac{3}{2}, \frac{1}{2},-\frac{1}{2}\right)$
$\left(-\frac{3}{2}, \frac{1}{2}, \frac{1}{2}\right)$
यदि वेग $v,$ त्वरण $A$ तथा बल $F$ को मूल राशियाँ मान लिया जाए, तो कोणीय संवेग का $v,\,A$ और $F$ के पदों में विमीय सूत्र होगा
श्यानता गुणांक की विमायें हैं
निम्न चार विमीय राशियों में से कौन सी राशि विमीय स्थिरांक कहलाती है
यदि प्रकाश वेग $(c)$, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक $[G]$, प्लांक नियतांक $[h]$ को मूल मात्रकों की तरह प्रयुक्त किया जाये तब इस नयी पद्धति में समय की विमा होगी
यदि $L$किसी प्रेरक कुण्डली का प्रेरकत्व है एवं इसमें से $i$ धारा बह रही है, तब $L{i^2}$ की विमायें हैं