किसी दोलनशील द्रव बूंद की आवृत्ति (v); द्रव की त्रिज्या $(r)$, द्रव के घनत्व $(\rho)$ व द्रव के पृष्ठ तनाव (s) पर $v=r^a \rho^b s^c$ के अनुसार निर्भर करती है तो $a$, $\mathrm{b}$ व $\mathrm{c}$ के मान क्रमशः है :-
$\left(-\frac{3}{2},-\frac{1}{2}, \frac{1}{2}\right)$
$\left(\frac{3}{2},-\frac{1}{2}, \frac{1}{2}\right)$
$\left(\frac{3}{2}, \frac{1}{2},-\frac{1}{2}\right)$
$\left(-\frac{3}{2}, \frac{1}{2}, \frac{1}{2}\right)$
एक वास्तविक गैस का समीकरण
$\left(\mathrm{P}+\frac{\mathrm{a}}{\mathrm{V}^2}\right)(\mathrm{V}-\mathrm{b})=\mathrm{RT}$ द्वारा दिया गया है, जहाँ
$\mathrm{P}, \mathrm{V}$ तथा $\mathrm{T}$ क्रमशः दाब, आयतन तथा तांपमान है
एवं $\mathrm{R}$ सार्वत्रिक गैस नियतांक है। $\frac{\mathrm{a}}{\mathrm{b}^2}$ की विमा किसके समतुल्य है ?
आइए निम्नलिखित समीकरण पर विचार करे $\frac{1}{2} m v^{2}=m g h$ यहाँ $m$ वस्तु का द्रव्यमान, $v$ इसका वेग है, $g$ गुरुत्वीय त्वरण और $h$ ऊँचाई है। जाँचिए कि क्या यह समीकरण विमीय दृष्टि से सही है।
दो भौतिक राशियों $A$ तथा $\mathrm{B}$ की परिकल्पना कीजिये जो एक दूसरे से संबंध $E=\frac{B-x^2}{A t}$ के द्वारा संबंधित है जहाँ $\mathrm{E}, \mathrm{x}$ तथा $\mathrm{t}$ की विमाएँ क्रमशः ऊर्जा, लम्बाई तथा समय की विमाओं के समान है। $\mathrm{AB}$ की विमां है :
एक विमारहित राशि को इलेक्ट्रॉनिक आवेश $e$, मुक्त आकाश की विद्युतशीलता (permittivity) $\varepsilon_0$, प्लांक स्थिरांक $h$ तथा प्रकाश की चाल $c$ से व्यक्त करते हैं। यदि इस विमारहित राशि को $e^\alpha \varepsilon_0^\beta h^\gamma c^\delta$ से निर्दिष्ट किया जाता है तथा $n$ एक अशून्य पूर्णांक है तो $(\alpha, \beta, \gamma, \delta)$ का मान होगा,
$m$ द्रव्यमान एवं $r$ त्रिज्या की एक गोलीय वस्तु $\eta $ श्यानता के माध्यम में गिर रही है। वह समय जिसमें वस्तु का वेग शून्य से बढ़कर सीमान्त (टर्मिनल) वेग $v$ का $0.63$ गुना हो जाता है, समय नियतांक $\tau $ कहलाता है। विमीय रुप से $\tau $ को किसके द्वारा व्यक्त कर सकते हैं