कभी-कभी मात्रकों की एक पद्धति का निर्माण करना सुविधाजनक होता है ताकि सभी राशियों को केवल एक भौतिक राशि के पदों में व्यक्त किया जा सके। इस प्रकार की पद्धति में, विभिन्न राशियों की विमाओं को राशि $X$ के पदों में निम्नानुसार दिया गया है: $[$ स्थिति $]=\left[ X ^{ \alpha }\right]$; [चाल $]=\left[ X ^\beta\right]$; [त्वरण $]=\left[ X ^{ p }\right]$; [रेखीय संवेग $]=\left[ X ^{ q }\right] ;[$ बल $]=\left[ X ^{ R }\right]$ । तब

$(A)$ $\alpha+ p =2 \beta$

$(B)$ $p + q - r =\beta$

$(C)$ $p - q + r =\alpha$

$(D)$ $p+q+r=\beta$

  • [IIT 2020]
  • A

    $A,B$

  • B

    $A,C$

  • C

    $A,D$

  • D

    $B,C$

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यंग के प्रत्यास्थता गुणांक (Young's modulus of elasticity) $Y$ को तीन व्युत्पन्न राशियों (derived quantities) नामतः गुरुत्वीय नियतांक $G$, प्लांक (Planck) नियतांक $h$ तथा प्रकाश की चाल $c$ के द्वारा $Y=c^\alpha h^\beta G^r$ से निरूपित किया जाता है। निम्न में से कौन सा विकल्प सही है?

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बरनौली प्रमेय के अनुसार $P + \frac{1}{2}\rho {V^2} + \rho gh = K$ (नियतांक) $K/P$  की विमाऐं निम्न में से किसके समान होगी

एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है

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स्टीफेन-बोल्ट्ज़मैन नियतांक $\sigma$ की विमा को प्लांक स्थिरांक $h$, बोल्ट्ऱ्मैन नियतांक $k_B$ एवं प्रकाश की चाल ' $c$ ' के माध्यम से $\sigma=h^\alpha k_B{ }^\beta c^\gamma$ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ

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