दो दृढ़ आधारों के बीच तनित किसी एक रस्सी के कम्पनों की मूल आवृत्ति (fundamental frequency) $50 \mathrm{~Hz}$ है। रस्सी का द्रव्यमान $18 \mathrm{~g}$ एवं इसका रेखीय द्रव्यमान घनत्व $20 \mathrm{~g} / \mathrm{m}$ है। रस्सी में उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग की चाल_________________$\mathrm{ms}^{-1}$ है।
$90$
$45$
$30$
$15$
दो तारों $W_{1}$ तथा $W_{2}$ की समान त्रिज्या $r$ है तथा घनत्व क्रमशः $\rho_{1}$ और $\rho_{2}$ इस प्रकार हैं कि $\rho_{2}=4 \rho_{1}$ । चित्रानुसार इन तारों को बिन्दु $O$ पर जोड़ा गया है। इस संयोजन को सोनोमीटर के तार के रूप में प्रयोग करते हैं और इसे तनाव $T$ पर रखते हैं। बिन्दु $O$, दोनों सेतुओं के मध्य में हैं। इस संयुक्त तार में एक अप्रगामी तरंग उत्पत्र की जाती हैं तो जोड़ पर निस्पंद (node) बनता है। $W_{1}$ व $W_{2}$ तारों में बने प्रस्पंदों (antinode) की संख्या का अनुपात होगा
दो एकसमान, समान पदार्थ के बने डोरी $X$ एवं $Z$ में तनाव क्रमश: $T_{X}$ एवं $T_{Z}$ है। यदि उनके मूल आवृति क्रमशः $450 \,Hz$ एवं $300 \,Hz$ है तो $T_{X} / T_{Z}$ का अनुपात है
दो पूर्णत: एकसमान तार स्वरैक्य में हैं। यदि एक तार में तनाव $ 1\%$ से बढ़ाकर दोनों तारों को एकसाथ बजाने पर $2 \,sec$ में $3$ विस्पंद सुनाई देते है। प्रत्येक तार की प्रारम्भिक आवृत्ति .... ${\sec ^{ - 1}}$ होगी
$8 \times 10^3 \mathrm{~kg} / \mathrm{m}^3$ घनत्व के एक तार को $0.5 \mathrm{~m}$ की दूरी पर स्थित दो क्लेम्प के बीच खींचा जाता है। तार में उत्पन्न विस्तार $3.2 \times 10^{-4}$ है। यदि तार के पदार्थ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $\mathrm{Y}=8 \times 10^{10} \mathrm{~N} / \mathrm{m}^2$ है तो तार में कम्पन्न की मूल आवृत्ति___________$\mathrm{Hz}$ होगी।
एक डोरी में अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न हो रही हैं, जिनका समीकरण $y = 0.021\;\sin (x + 30t)$ है, जहाँ $x$ व $y$ मीटर. में तथा $t$ सेकण्ड में है। यदि डोरी का रेखीय घनत्व $1.3 \times {10^{ - 4}}\,kg/m$ हो तो डोरी में तनाव (न्यूटन में) होगा