किसी रेडियोएक्टिव नाभिक की अर्ध-आयु $50$ दिन है तो, इसके $\frac{2}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{2}$ तथा $\frac{1}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{1}$ का समय अन्तराल $\left(t_{2}-t_{1}\right)$ ........... दिन होगा:
$30 $
$50$
$15 $
$60$
एक रेडियोएक्टिव नाभिक दो अलग-अलग प्रक्रियाओं से विघटित होता है। पहली प्रक्रिया की अर्धायु $10 \,s$ है और दूसरी की $100 \,s$ है। उस नाभिक की प्रभावी अर्धायु का निकटतम मान $.....\,s$ है।
एक रेडियोसक्रिय तत्व में $10^{10}$ रेडियोसक्रिय नाभिक हैं। इसकी अर्ध-आयु $1$ मिनट है। $30$ सेकन्ड बाद कितने नाभिक बचे रहेगें? $(\sqrt{2}=1.414)$
किसी रेडियोधर्मी प्रतिदर्श की सक्रियता $1.6$ क्यूरी है। इसकी अर्द्धआयु $2.5$ दिन है। $10$ दिन बाद इसकी सक्रियता ...........क्यूरी होगी
एक रेडियोसक्रिय विघटन श्रृंखला $_{93}N{p^{237}}$ से शुरू होकर उत्तरोत्तर उत्सर्जन द्वारा $_{90}T{h^{229}}$ को उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कण हो सकते हैं
एक रेडियोएक्टिव नाभिक- $A$ जिसकी अर्द्ध -आयु $T$ है, का क्षय एक नाभिक- $B$ में होता है। समय $t=0$ पर कोई भी नाभिक- $B$ नहीं है। एक समय $t$ पर नाभिकों $B$ तथा $A$ की संख्या का अनुपात $0.3$ है तो $t$ का मान होगा: