किसी रेडियोएक्टिव प्रक्रिया के लिए $\ln R$ और समय, $t$ (सेकण्ड) के बीच आरेख में दर्शाए अनुसार ग्राफ प्राप्त होता है। तब इस अज्ञात रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्धायु का मान लगभग होगा। $\dots \; sec$
$6.93$
$4.62$
$2.62$
$9.15$
यदि किसी रेडियोएक्टिव तत्व की अर्द्धआयु $3$ घण्टे है, तो $9$ घण्टों के बाद इसकी सक्रियता हो जायेगी
रेडियासक्रियता की घटना
दो कण जिनके अर्द्ध-आयुकाल क्रमश: $1620$ और $810$ वर्ष हैं, के एक साथ उत्सर्जन से रेडियोएक्टिव पदार्थ क्षय होता है। पदार्थ की $1/4$ मात्रा के बचने लिये समय (वर्षो में) होगा
एक रेडियोसक्रिय नाभिक $A$, एक अन्य नाभिक $B$ में विघटित होता है जो एक और अन्य स्थित नाभिक $C$ में विघटित होता है। वह आरेख जो समय के साथ नाभिक $B$ के परमाणुओं की संख्या में समय के साथ परिवर्तन दर्शाता है।
(मान लीजिए कि $t =0$, पर सेंपल में कोई भी $B$ परमाणु नहीं है)
किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ की अर्द्ध-आयु $(T)$ तथा क्षयांक $(\lambda )$ के बीच निम्न सम्बन्ध होता है