$R$ त्रिज्या के वृत्तीय मार्ग पर गति करते हुए कण की गतिज ऊर्जा $K$, इसके द्वारा तय की गई दूरी $s$ पर $K = a{s^2}$ के अनुसार निर्भर करती है, जहाँ $a $ अचर है। कण पर कार्य करने वाला बल है

  • A

    $2a\frac{{{s^2}}}{R}$

  • B

    $2as{\left( {1 + \frac{{{s^2}}}{{{R^2}}}} \right)^{1/2}}$

  • C

    $2as$

  • D

    $2a\frac{{{R^2}}}{s}$

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निम्न दो कथनों पर विचार करें

$1. $कणों के निकाय का रेखीय संवेग शून्य है

$2.$ कणों के निकाय की गतिज ऊर्जा शून्य है तब

  • [AIEEE 2003]

किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा तथा चाल के बीच ग्राफ खींचा जाये तो उसकी प्रकृति होगी

$200$ किग्रा व $300 $ किग्रा के दो डिब्बों को जो क्षैतिज पटरियों पर स्थित हैं, एक-दूसरे से दूर हटाया जा रहा है। पटरियों और डिब्बों के बीच लगने वाला घर्षण दोनों के लिये समान है। यदि $200$ किग्रा वाला डिब्बा $36$ मी की दूरी चल कर रुक जाये तो $300$ किग्रा वाले डिब्बे के द्वारा चली गई दूरी  ........ $m$ होगी

यदि संवेग $ 20\%$  बढ़ा दिया जाए तो पिण्ड की गतिज ऊर्जा में वृद्धि .......... $\%$ होगी

एक बंदूक से गोली दागी जाती है, यदि बन्दूक पीछे की ओर गति करने हेतु स्वतंत्र हो, तब बन्दूक की गतिज ऊर्जा होगी

  • [AIIMS 1998]