एक पेन्डुलम घड़ी $40^{\circ} C$ वापमान पर $12\, s$ प्रतिदिन धीमी हो जाती है तथा $20^{\circ} C$ तापमान पर $4 \,s$ प्रतिदिन तेज़ हो जाती है। तापमान जिस पर यह सही समय दर्शायेगी तथा पेन्डुलम की धातु का रेखीय-प्रसार गुणांक $(\alpha)$ क्रमशः हैं:
$30^o $ $C$ ,$\;\alpha $ $= 1.85 \times 10^{-3}/^o C$
$55^o C$ ,$\;\alpha $ $= 1.85 \times 10^{-2}/^o C$
$25^o C$ ,$\;\alpha $$ = 1.85 \times 10^{-5}/^o C$
$60^o $ $C$ ,$\;\alpha $ = $1.85 \times10^{-4}/^o C$
एक स्थिर लिफ्ट की छत से टंगे हुये सरल लोलक का दोलनकाल $T$ है। यदि परिणामी त्वरण $g/4$ हो जाता है, तो सरल लोलक का दोलनकाल होगा
यदि एक सरल लोलक की लम्बाई $9 $ गुना एवं इसके गोलक का द्रव्यमान $4$ गुना कर दें तो इसका दोलनकाल हो जायेगा ($T =$ प्रारम्भिक दोलनकाल)
किसी सरल लोलक का प्रारम्भिक आवर्तकाल $T_1$ है। जब इसका निलम्बन बिन्दु ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर समीकरण $y = k{t^2}$ के अनुसार गति करता है तो इसका आवर्तकाल $T_2$ हो जाता है यदि $k = 1\,m/se{c^2}$ हो तो $\frac{{T_1^2}}{{T_2^2}}$ का मान होगा $g = 10\,m/{s^2})$
एक प्रयोग में, $1 \;m$ लम्बाई की एक सरल दोलक का आवर्त काल निकालने हेतु उसको $r _{1}$ तथा $r _{2}$ त्रिज्याओं के अलग-अलग गोलाकार लोलक से जोड़ा जाता है। दोनों गोलाकार लोलकों के द्रव्यमान वितरण एक समान हैं। यदि आवर्तकालों का सापेक्ष अंतर $5 \times 10^{-4} \;s$ पाया गया हो तो उनकी त्रिज्याओं में अन्तर, $\left|r_{1}-r_{2}\right|$ का निकटतम मान होगा
$l$ लम्बाई के एक सरल लोलक में पीतल का गोलक (Bob) लगा है और उसका आवर्तकाल $T$ है। यदि इसके स्थान पर उतना ही बड़ा स्टील का गोलक (Bob) जिसका घनत्व पीतल से $x$ गुना है, लगाया जाये और लोलक की लम्बाई बदल दी जाये, जिससे उसका आवर्तकाल $2T$ हो जाये, तो नई लम्बाई होगी