एक बिन्दु इस प्रकार गमन करता है कि उसकी बिन्दु $(-2, 0)$ से दूरी रेखा $x = - \frac{9}{2}$ से दूरी की $\frac{2}{3}$ गुनी है तो उसका बिन्दुपथ होगा
दीर्घवृत्त
परवलय
अतिपरवलय
इनमें से कोई नहीं
मान्रा दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \mathrm{x}^2+9 \mathrm{y}^2=9$ धनात्मक $\mathrm{x}$ तथा $\mathrm{y}$ अक्षों को क्रमशः बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ पर काटता है। माना $E$ का दीर्घ अक्ष, वृत्त $C$ का एक व्यास है। माना बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ से होकर जाने वाली रेखा, वृत्त $\mathrm{C}$ को बिंदु $\mathrm{P}$ पर मिलती है। यदि, त्रिभुज जिसके शीर्ष $A, P$ तथा मूल बिंदु $O$ हैं, का क्षेत्रफल $\frac{m}{n}$ है, जहाँ $\mathrm{m}$ तथा $\mathrm{n}$ असहभाज्य हैं, तो $\mathrm{m}-\mathrm{n}$ बराबर है
यदि दीर्घवृत्त $\frac{ x ^2}{ a ^2}+\frac{ y ^2}{ b ^2}=1$, रेखा $\frac{ x }{7}+\frac{ y }{2 \sqrt{6}}=1$ को $x$-अक्ष पर तथा रेखा $\frac{ x }{7}-\frac{ y }{2 \sqrt{6}}=1$ को $y$-अक्ष पर मिलता है, तो दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता है।
दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के अक्ष तथा स्पश्री के मध्य खींची गयी रेखा के मध्य बिन्दु का बिन्दुपथ होगा
उस दीर्घवृत्त का समीकरण जिसके शीर्ष $( \pm 5,\;0)$ तथा नाभियाँ $( \pm 4,\;0)$ हैं, होगा
दीर्घवृत्त $4{x^2} + 9{y^2} - 8x - 36y + 4 = 0$ की नाभिलम्ब जीवा है