एक धातु में इलेक्ट्रानों का माध्य मुक्त पथ $4 \times 10^{-8} \;m$ है। वह विद्युत-क्षेत्र जो धातु में किसी इलेक्ट्रॉन को औसत रूप में $2\;eV$ की ऊर्जा प्रदान कर सके, $V/m$ की मात्रकों में होगा
$8 \times 10^7$
$5 \times 10^7$
$5 \times 10^{-11}$
$8 \times 10^{-11}$
एक समद्विबाहु त्रिभुज $ABC$ की भुजा $BC$ और $AC , 2 a$ है। इसके प्रत्येक कोने पर $+ q$ आवेश स्थित है। बिन्दु $D$ और $E$ क्रमशः भुजाओं $BC$ और $CA$ के मध्यबिन्दु है। तो $D$ से $E$ तक किसी आवेश $Q$ को ले जाने में किया गया कार्य होगा:
किसी वृत्त के केन्द्र पर $10$ इकाई का आवेश रखा है। वृत्त की त्रिज्या $10\,m$ है। $1$ इकाई के आवेश को वृत्त की परिधि पर घुमाने में किया गया कार्य .......इकाई होगा
इस प्रश्न में प्रकथन $1$ एवं प्रकथन $2$ दिये हुए हैं। प्रकथनों के पश्चात् दिये गये चार विकल्पों में से, उस विकल्प को चुनिए जोकि दोनों प्रकथनों का सर्वोत्तम वर्णन करता है।
त्रिज्या $R$ के एक विध्युत रोधी ठोस गोले पर एकसमान धनात्मक आवेश घनत्व $\rho$ हैं। इस एकसमान आवेश वितरण कें कारण विध्युत विभव का मान गोले के केन्द्र पर, गोले के पृष्ठ पर और गोले से बाहर एक बिन्दु पर परिमित है। अनन्त पर विध्युत विभव का मान शून्य है
प्रकथन $1 :$ जव एक आवेश $q$ को गोले के केन्द्र से पृष्ठ तक ले जाया जाता है, तब स्थितिज ऊर्जा में $\frac{q \rho}{38_{0}}$ से परिवर्तन होता है।
प्रकथन $2 :$ गोले के केन्द्र से दूरी $r( r < R)$ पर विध्युत क्षेत्र $\frac{\rho r}{3 \varepsilon_{0}}$ है।
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $e$ है, को निर्वात में विभवान्तर $V$ द्वारा विरामावस्था से त्वरित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन की अंतिम चाल होगी
एक हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन लगभग $0.53\, \AA$ दूरी पर परिबद्ध हैं :
$(a)$ निकाय की स्थितिज ऊर्जा का $eV$ में परिकलन कीजिए, जबकि प्रोटॉन से इलेक्ट्रान के मध्य की अनंत दूरी पर स्थितिज ऊर्जा को शून्य माना गया है।
$(b)$ इलेक्ट्रॉन को स्वतंत्र करने में कितना न्यूनतम कार्य करना पड़ेगा, यदि यह दिया गया है कि इसकी कक्षा में गतिज ऊर्जा $(a)$ में प्राप्त स्थितिज ऊर्जा के परिमाण की आधी है?
$(c)$ यदि स्थितिज ऊर्जा को $1.06\, \AA$ पृथक्करण पर शून्य ले लिया जाए तो, उपर्युक्त $(a)$ और $(b)$ के उत्तर क्या होंगे?