प्रोटॉन इलेक्ट्रॉन से लगभग $1840$ गुना भारी है। जब इसे $1\, kV$ विभवान्तर से त्वरित किया जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा .......$keV$ होगी
$1840$
$1/1840$
$1$
$920$
धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश निर्देशित $30 \mathrm{NC}^{-1}$ मान के किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में $2 \times 10^{-2} \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश बिन्दु $\mathrm{P}$ से $\mathrm{S}$ पर जाता है। यदि $\mathrm{P}$ एवं $\mathrm{S}$ के निर्देशांक क्रमशः $(1,2,0) \mathrm{m}$ एवं $(0,0,0) \mathrm{m}$ हैं, तो $.........\,mJ$ प्रक्रम मे विद्युत क्षेत्र द्वारा किए गए कार्य का मान होगा।
एक कण का द्रव्यमान $‘m’$ तथा आवेश $‘q’$ है। इस कण को विभवान्तर $V$ वोल्ट से त्वरित किया जाता है। इसकी ऊर्जा होगी
दो एकसमान धनावेश प्रत्येक $ 1\,\mu C$ वायु में एक दूसरे से $1\, m$ की दूरी पर स्थित है। इस निकाय की स्थितिज ऊर्जा होगी
एक वर्ग की प्रत्येक भुजा की लम्बाई $'a'$ है, इसके चारों कोनों पर $4$ समान $Q$ आवेशों को रखा जाता है। उसके केन्द्र से अनन्त तक
$-Q$ आवेश को हटाने में किया गया कार्य है
दो बिन्दुओं $P$ एवं $Q$ के विभ्नवों को क्रमश: $10\, V$ एवं $-4\, V$ पर बनाए रखा जाता है। $100$ इलेक्ट्रॉनों को $P$ से $Q$ तक गति कराने में किया गया कार्य है